कोरोना वायरस फैलने की रफ्तार, फेडरल रिजर्व के रुख से तय होगी बाजार की चाल

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नई दिल्ली। शेयर बाजारों में इस सप्ताह और उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। विश्लेषकों के अनुसार वायरस को लेकर बनने वाली धारणा बाजार को दिशा देगी। संक्रमण की दर कम होने के किसी भी संकेत का बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

पिछले सप्ताह बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 3,473.14 अंक यानी 9.24 प्रतिशत जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1,034.25 अंक यानी 9.41 प्रतिशत नीचे आया। यह गिरावट वैश्विक शेयर बाजारों के रुख के अनुरूप है जो कोरोना वायरस संक्रमण के कारण गिरे हैं।

घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को भारी उतार-चढ़ाव आया। शुरूआती कारोबार में शेयर बाजारों में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आने के बाद कारोबार पौने घंटे के लिये रोका गया। ऐसा पिछले 12 साल में पहली बार हुआ जब तेज गिरावट के बाद कारोबार रोका गया। बाद में इसमें रिकार्ड तेजी आयी।

विश्लेषकों के अनुसार प्रतिभागियों की नजर कोरोना वायरस के फैलने पर होगी। इसके अलावा वैश्विक केंद्रीय बैंकों तथा सरकारों से मिलने वाले प्रोत्साहन उपायों पर भी उनकी निगाह होगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस सप्ताह नीतिगत दर के बारे में फैसले की घोषणा करेगा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘बाजार में जो भारी गिरावट आयी है, वहां से इसमें सुधार की उम्मीद है। हालांकि, आने वाले दिनों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, हमें कुछ तेजी भी देखने को मिल सकती है। हालांकि ये सब थोड़े समय के लिये होगा। वैश्विक उतार-चढ़ाव के इस दौर में खुदरा निवेशकों को शांत रहना चाहिए और घबराना नहीं चाहिए।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र में 12 नये मामले सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या रविवार को 107 तक पहुंच गयी है।इस वायरस के कारण 1,50,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए जबकि 5,600 लोगों की मौत हो चुकी है।वृहत आर्थिक मोर्चे पर थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा सोमवार को जारी होगा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘प्रोत्साहन की उम्मीद में वैश्विक बाजारों में अस्थायी राहत की संभावना है। निवेशकों को इसके बाद भी उतार-चढ़ाव बने रहने तक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। वायरस को लेकर जो धारणा बनेगी वह बाजार को दिशा देगी। संक्रमण की दर कम होने के किसी भी संकेत का बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष-अनुसंधान अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘अल्पकाल में उतार-चढ़ाव अधिक रहने की आशंका है। निवेशक सतर्क रुख अपना सकते हैं।’’घरेलू शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह नौ और 12 मार्च को बड़ी गिरावट आयी। कुल मिलाकर पिछले चार कारोबारी दिवसों में निवेशकों की संपत्ति को 15 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी।