कोरोना वायरस का असर/ 1 महीने में 20 फीसदी सस्ता हुआ कच्चा तेल

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नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बीते एक महीने में तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट आई है। सबसे ज्यादा गिरावट पिछले 15 दिनों में आई है। तेल के दाम में हालिया गिरावट की मुख्य वजह चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप रहा है, जिसके कारण चीन की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार, इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का अप्रैल डिलीवरी अनुबंध शुक्रवार को 54.45 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। एक महीने पहले आठ जनवरी को ब्रेंट का भाव 65.44 डॉलर प्रति बैरल था। इस प्रकार एक महीने में बेंट्र क्रूड का दाम 20 फीसदी से ज्यादा टूटा है। आठ जनवरी को ब्रेंट के भाव के ऊंचे स्तर 71.75 डॉलर प्रति बैरल से तुलना करें तो बेंचमार्क कच्चे तेल के दाम में 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।

अमेरिकी तेल में भी 20 फीसदी घटकर 50 डॉलर पर आया
हीं, न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का मार्च डिलीवरी अनुबंध शुक्रवार को 50.36 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था, जबकि आठ जनवरी को डब्ल्यूटीआई का दाम 59.61 डॉलर पर बंद हुआ था। इस प्रकार अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड के दाम में भी तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट आई है। एंजेल ब्रोकिग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट की मुख्य वजह चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप है।

चीन में मांग घटने से सस्ता हुआ क्रूड
गुप्ता ने कहा कि चीन कच्चे तेल का बड़ा खरीददार है और कोरोना वायरस के प्रकोप से वहां की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है, जिससे तेल की उसकी मांग घट गई है। लिहाजा, तेल के दाम पर दबाव देखा जा रहा है। कच्चे तेल में आई इस नरमी से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है, जिससे उपभोक्ताओं को तेल की महंगाई से बड़ी राहत मिली है। देश की राजधानी दिल्ली में 11 जनवरी के बाद पेट्रोल 3.56 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है, जबकि डीजल की कीमत 3.74 रुपये प्रति लीटर घट गई है।