कोटा में 14 नए ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे, रोजाना 4700 सिलेंडर का हाेगा उत्पादन

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कोटा। कोरोना महामारी में ऑक्सीज़न की कमी के कारण हजारों लोगों की मौत का तमाशा देखने के बाद राजस्थान सरकार की नींद अब टूटी है। राजस्थान में अब एक साथ कई जगह ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसी क्रम में कोटा में भी 14 प्लांट लगाने की योजना पर काम चल रहा है।

जुलाई के अंत तक काेटा में करीब 14 नए ऑक्सीजन प्लांट शुरू हाे जाएंगे। इनसे राेज 1670 सिलेंडर का उत्पादन हाेगा। अभी कोटा में सरकारी और प्राइवेट प्लांट में रोज करीब 2035 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।

इसके अलावा जून में एक निजी प्लांट भी शुरू हो जाएगा, जिसकी उत्पादन क्षमता 1000 सिलेंडर प्रतिदिन होगी। यानी जुलाई के अंत तक कोटा में रोज 4705 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा।

मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ. विजय सरदाना का कहना है कि 15 जुलाई तक अधिकतर सरकारी प्लांट शुरू जाएंगे। उसके बाद 1500-1800 मरीजाें के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम हाे सकेगा। कोटा में कुछेक ऑक्सीजन प्लांट शुरू भी हाे चुके हैं।

काेटा में रोजाना 2035 ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन
काेटा में फिलहाल तीन निजी प्लांट हैं। इनमें डीसीएम राेड पर 700 सिलेंडर, रानपुर में 750 सिलेंडर, भीमपुरा में 125 सिलेंडर के प्लांट लगे हुए हैं। इसके अलावा मेडिकल काॅलेज में 260 सिलेंडर, सुपर स्पेशलिटी में 100 सिलेंडर, 100 सिलेंडर का एमबीएस में पहले से एक प्लांट माैजूद हैं।

तीसरी लहर के लिए काेटा पूरी तरह से तैयार
600 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मिले, यह भी 600 मरीजाें काे पहुंचाएंगे राहत
कोरोना की तीसरी लहर आती भी है ताे इसके लिए काेटा पूरी तरह से तैयार है। सरकारी व प्राइवेट प्लांटाें काे मिलाकर करीब 4700 सिलेंडर राेज मिल सकते हैं। इनसे 2200 से अधिक राेगियाें का बेहतर इलाज हाे पाएगा। वहीं मेडिकल काॅलेज काे अभी तक 650 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिल गए हैं। इसमें मंत्री शांति धारीवाल ने 180 से अधिक, विधायक संदीप शर्मा ने 119, सीएफसीएल ने 100, डीसीएम ने 100, आरटीयू ने 50 और समाजसेवी आरसी गुप्ता ने 50 कंसट्रेटर दिए हैं। अगले 10 दिन में 50 कंसंट्रेटर और मिल जाएंगे।

ऑक्सीजन के स्टोरेज के लिए 2 टैंक बनेंगे
मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन के स्टोरेज के लिए 2 टैंक भी बनेंगे
मेडिकल काॅलेज के नए अस्पताल और जेके लाेन अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन के स्टोरेज के लिए दो टैंक भी बनेंगे। इसमें से मेडिकल काॅलेज में एक स्टोरेज टैंक शुरू भी हाे गया है। यहां स्टोर होने वाली लिक्विड ऑक्सीजन सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम से सीधे मरीजाें तक पहुंच सकेगी। एक टैं 700-800 मरीजाें के लिए पर्याप्त हाे सकता है। जरूरत पड़ने पर लिक्विड ऑक्सीजन इसकी सप्लाई मिल जाए ताे ये दोनों टैंक ही लाेगाें के लिए काफी हाोगे।

यहां लगेंगे प्लांट

  • नए अस्पताल में 260 सिलेंडर क्षमता के तीन प्लांट, इसमें से 100 सिलेंडर वाला प्लांट 10 जून तक शुरू हाे जाएगा। एक केंद्र सरकार और बाकी के 2 यूआईटी लगाएगी।
  • सुपर स्पेशलिटी में एक 90 सिलेंडर और तीन 150-150 सिलेंडर के प्लांट यूआईटी बना रहा है। इनकाे बनने में दाे महीने का वक्त लगेगा।
  • एमबीएस में डीआरडीओ 190 सिलेंडर का प्लांट लगा रहा है। यह 15 दिन के बाद शुरू हाे जाएगा। इसके अलावा 150-150 सिलेंडर वाले तीन प्लांट यूआईटी लगवाएगी। एक प्लांट एक फार्मा कंपनी लगा रही है। यह करीब 40 ऑक्सीजन सिंलेडर का हाेगा, जाे 15 जून तक शुरू हाेगा।
  • जेकेलाेन में डीआरडीओ 90 सिलेंडर वाला प्लांट लगा रहा है। यह 15 जून तक शुरू हाेगा। उसके अलावा यूआईटी 150 और 80 सिलेंडर वाले दाे प्लांट लगाएगी।
  • भीमपुरा में 1000 सिलेंडर वाला निजी प्लांट बन रहा है। यह 15 जून तक शुरू हाेने की संभावना है।