कोटा में फिर से कोचिंग शुरू करने लिए सभी को संयुक्त प्रयास करने होंगे : बिरला

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कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा में फिर से कोचिंग शुरू करने लिए सभी को संयुक्त प्रयास करने होंगे। कोरोनावायरस के चलते जो परिस्थितियां उत्पन्न हुई है उसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार पूरी तरह से चिंतित हैं। इसे पुनः पटरी पर लाने के लिए पूरे शहर के साथ वे भी खड़े हैं। वे भी स्वयं चाहते हैं कि कोटा की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाया जाए। हम सब संयुक्त रूप से इसके लिए सकारात्मक सार्थक प्रयास करेंगे।

बिरला ने यह बात प्रतिनिधिमंडल से कही। इससे पहले कोटा नागरिक मंच के माध्यम से कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन, महासचिव अशोक माहेश्वरी एवं नरेश जैन ने कोटा के जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, सांसद, विधायक, व्यापारिक, औद्योगिक संगठन, समाजसेवी संस्थाओं एवं क्लबों के पदाधिकारियों की ओर से एक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप कर शहर में कोचिंग को फिर से शुरू कराने का आग्रह किया।

कोटा नागरिक मंच एवं कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष जैन, महासचिव माहेश्वरी एवं नरेश जैन ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि शहर में 70 से 80% आय कोचिंग में आने वाले विद्यार्थियों से होती है। शहर का लगभग 80% नागरिक प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से जुडा हुआ हैं। शहर का रोजगार भी जुड़ा हुआ है। कोचिंग शहर की आर्थिक धुरी होने से इससे सभी व्यवसाय जुड़े हैं। जिसमें रियल स्टेट से लेकर इलेक्ट्रिकल, आयरन, सेनेट्री टाइल्स, सीमेन्ट आदि के निर्माण कार्य के चलते हजारों लोगों को व्यवसाय चलता है।

होस्टल व्यवसाय में 15 हजार करोड़ का निवेश
कोचिंग के साथ साथ होस्टल व्यवसाय से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। पिछले 10 वर्षों में 15 हजार करोड़ का निवेश इस क्षेत्र में हुआ है। लॉक डाउन के चलते यह व्यवसाय पूरी तरह से खत्म होने की स्थिति में आ गया है। नये कोटा में तो कारोबार ठप्प हो गया है। यहां तक कि शहर में 2 लाख छात्रो के भोजन की व्यवस्था में लगे किराना दूध, दंही, डेयरी, सब्जी वाले, मोबाइल शॉप, बुक सेलर्स स्टेशनरी, खोमचे वाले, होटल, रेस्टोरेंन्ट, ऑटोरिक्शा , रेडीमेड, जूस सेन्टर, आदि जैसा व्यवसाय वर्तमान में सिमट कर 10% रह गया है। लाखों लोग जो इससे जुड़े हुए थे, वह बेरोजगार हो गए हैं। अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।

लगभग एक लाख बच्चों ने कोचिंग की फीस जमा करके एडमिशन भी ले लिया है। बच्चे कोटा आने को तैयार हैं, लेकिन कोरोना वायरस के माहौल को देखकर उनकी यहां आने की हिम्मत नहीं हो रही है। वह अपनी फीस भी वापस नहीं ले रहे हैं। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे वह संतुष्ट नहीं है। वह कोटा में ही रहकर ऑफलाइन पढ़ाई करना चाहते हैं।

अतः सरकार द्वारा कोचिंग छात्रों के लिए सुरक्षित रहने की सुविधा एवं कोचिंग के लिए अच्छी गाइड लाइन बनायी जाए। जिसकी पूरी पालना कोचिंग संस्थाए एवंं हॉस्टल संचालक यहां आने वाले बच्चों से पूरी सावधानी एवं सर्तकता से करवाये। उन्होंने बताया कि कोटा में कोचिगं पुनः शुरू कराने के लिए पूरा शहर एकजुट है। कोटा नागरिक मंच द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं शासन मंत्री शांति धारीवाल से भी निवेदन किया गया है।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला को कोटा कोचिंग का महत्व बताते हुए अशोक माहेश्वरी।

हस्ताक्षर कर इन्होंने किया समर्थन
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपे ज्ञापन में हस्ताक्षर कर पूर्व सांसद इज्यराज सिंह, विधायक संदीप शर्मा, विधायक कल्पना देवी, चंद्रकांता मेघवाल, मदन दिलावर, पूर्व विधायक भवानीसिंह राजावत, महापौर महेश विजय, उपमहापौर सुनीता व्यास, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, बीजेपी शहर जिला अध्यक्ष रामबाबू सोनी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पंकज मेहता, हाडोती विकास मोर्चा, माहेश्वरी समाज कोटा, चंबल हॉस्टल एसोसिएशन, न्यू कोटा हॉस्टल एसोसिएशन, दी एसएसआई एसोसियेसन, कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती ,जनरल मर्चेंट एसोसिएशन, सकल दिगंबर जैन समाज, कोटा होलसेल क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन, श्री सरार्फा बोर्ड, कोटा बिल्डर्स एसो., हाडोती प्राइवेट स्कूल एसो., जैन सोशल ग्रुप कोटा, बुक सेलर्स एण्ड स्टेशनर्स एसो.,कोटा जिला केमिस्ट एसो, श्री माहेश्वरी समाज, होटल एंड रेस्टोरेंट, कोटा पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन समेत शहर के अनेक संगठनों ने समर्थन दिया है।