केरल पहुंचा मॉनसून, तटीय इलाकों में हो रही अच्छी बारिश

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नई दिल्ली।करीब एक हफ्ते की देरी के बाद आखिरकार शनिवार को मॉनसून ने केरल तट पर दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को इसका ऐलान किया। IMD के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने बताया, ‘मॉनसून ने आज (8 जून) केरल में दस्तक दे दी है।’ केरल के तमाम इलाकों में अच्छी बारिश शुरू हो गई है। वैसे मॉनसून में देरी का सीजन में कुल हुई बारिश से कोई संबंध नहीं है। यह जरूरी नहीं कि मॉनसून के दस्तक देने में देरी से सीजन में बारिश भी कम होगी। हालांकि, केरल इस देरी की वजह से देश के दूसरे हिस्सों में भी मॉनसून देरी से पहुंचेगा।

बेसब्री से हो रहा था मॉनसून का इंतजार
मॉनसून का काफी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। देश का ज्यादातर हिस्सा सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर है। पश्चिम और दक्षिण भारत के ज्यादातर जलाशयों में पानी का स्तर काफी नीचे पहुंच जा चुका है। सिंचाई के वैकल्पिक साधन नहीं होने की वजह से ज्यादातर ग्रामीण भारत 4 महीने चलने वाले मॉनसून सीजन पर निर्भर है। मॉनसून सीजन में सालाना बारिश का 75 प्रतिशत पानी बरसता है।

केरल में अगले 2-3 दिनों तक मध्यम से भारी बारिश
भू-विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने भी ट्वीट कर केरल में मॉनसून के दस्तक देने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केरल में अगले 2 से 3 दिनों तक औसत से लेकर भारी बारिश होने की संभावना है।

दिल्ली में 30 जून से 1 जुलाई तक पहुंचेगा मॉनसून
दिल्ली में मॉनसून आम तौर पर 29 जून को दस्तक देता है लेकिन मौसम विभाग ने गुरुवार को बताया कि उसके राष्ट्रीय राजधानी में आने में 2 से 3 दिन की देरी हो सकती है। हालांकि, निजी एजेंसी स्काइमेट के मुताबिक यह देरी कम से कम एक हफ्ते की हो सकती है। शहर में सामान्य मॉनसून की उम्मीद है। उत्तर पश्चिम भारत में भी सामान्य मॉनसून के आसार हैं।

मौसम विभाग कब करता है मॉनसून की दस्तक का ऐलान?
IMD तब मॉनसून के दस्तक का ऐलान करता है जब केरल में 10 मई के बाद सूबे में स्थित 14 स्टेशनों में से कम से कम 60 प्रतिशत में 2.5 मिलिमीटर या उससे ज्यादा बारिश हो या फिर लगातार दो दिनों तक बारिश हो। केरल में ये 14 स्टेशन हैं- मिनिकॉय, ऐमिनी, तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, कोट्टायम, कोझिकोड, कोच्चि, अलपुझा, थलास्सेरी, कन्नूर, कुडुलु और मैंगलोर। यह मॉनसून की दस्तक के ऐलान में सबसे बड़ा कारक है। इसके अलावा 2 अन्य फैक्टरों में पछुआ हवा की गति और लॉन्ग-वेव रेडिएशन शामिल हैं।

मॉनसून में देरी का कुल बारिश से सीधा संबंध नहीं
जून में बारिश पर अल-नीनो का प्रभाव पड़ सकता है। आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि अल-नीनो का संबंध प्रशांत महासागर के पानी के गर्म होने से जुड़ा है और इसका मॉनसून पर असर पड़ता है। मॉनसून में देरी का सीजन में होने वाली बारिश के बीच कोई सह-संबंध नहीं है। हालांकि, मॉनसून के आने में हुई देरी से देश के दूसरे हिस्सों में भी वह लेट पहुंचेगा।