एक फीसदी रह जाएगा भारत का चालू खाता घाटा, अमेरिकी कंपनी का दावा

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नई दिल्ली। मजबूत पूंजी प्रवाह के साथ भारत का वैश्विक स्तर पर लेनदेन से जुड़ा बही-खाता उम्मीद से कहीं अधिक मजबूत है। इसे देखते हुए चालू खाते का घाटा (कैड) 2023-24 में कम होकर जीडीपी के एक फीसदी पर आने का अनुमान है। इससे देश के लिए 39 अरब डॉलर के भुगतान अधिशेष की स्थिति होगी।

अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा, चालू खाते का घाटा कम होने, मजबूत पूंजी प्रवाह, पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार और कम विदेशी कर्ज के साथ देश का वैश्विक स्तर पर लेनदेन से संबंधित बही-खाता अनुकूल रहेगा।

साथ ही, फेडरल रिजर्व के इस साल ब्याज दर में कटौती को देखते हुए बाहरी मोर्चे पर भारत की स्थिति बेहतर रहेगी। क्रूड की कीमतों में नरमी का भी भारत को लाभ मिलेगा। सेवा निर्यात भी उम्मीद से बेहतर रहेगी। इन चीजों को देखते हुए ब्रोकरेज कंपनी ने कैड के अनुमान को संशोधित कर एक फीसदी कर दिया है। पहले यह 1.3 फीसदी था। वहीं, 2024-25 के लिए इसके 1.3 फीसदी रहने की संभावना है।

चीनी उत्पादन घटकर 112 लाख टन
दो प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र व कर्नाटक में उत्पादन कम रहने से चालू सत्र 2023-24 के पहले तीन माह में देश का चीनी उत्पादन 7.7 फीसदी घटकर 112 लाख टन रह गया। 2022-23 की अक्तूबर-दिसंबर अवधि में उत्पादन 121.35 लाख टन था। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज के मुताबिक, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 2023-24 सत्र के दिसंबर तक 38.20 लाख टन था, जो एक साल पहले 47.40 लाख टन रहा था। कर्नाटक में भी चीनी उत्पादन घटकर 24 लाख टन रहा।

विंडफॉल टैक्स 1,000 रुपये बढ़ा
देश में उत्पादित होने वाले कच्चे तेल पर सरकार ने विंडफॉल टैक्स 1,000 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति टन कर दिया है। डीजल निर्यात व जेट ईंधन पर इसे घटाकर शून्य कर दिया गया है। पेट्रोल पर पहले से ही शून्य है। नई दरें मंगलवार से लागू हैं।

कोयला उत्पादन दिसंबर में बढ़ा
कोयला उत्पादन दिसंबर में 10.75% बढ़कर 9.28 करोड़ टन रहा है। एक साल पहले समान अवधि में यह 8.38 करोड़ टन था। अप्रैल-दिसंबर में कुल उत्पादन बढ़कर 68.4 करोड़ टन रहा है। कोल इंडिया का उत्पादन 8.27% बढ़कर 7.18 करोड़ टन रहा है।