इन गलतियों पर भी कट सकता है आपका चालान

    1616

    नोएडा। गाड़ी का शीशा गन्दा होना, लुंगी पहन कर गाड़ी चलाना, बीमार हालत में गाड़ी चलाने पर भी आपका चालान कट सकता है। पुलिस अगर आपकी गाड़ी रोकती है और हेडलाइट का एक एक्स्ट्रा बल्ब न होने पर आपका चालान काट देती है तो हैरान मत होना। दरअसल, मोटर वीइकल ऐक्ट के अनुसार गाड़ी में एक एक्स्ट्रा बल्ब रखना जरूरी होता है। संशोधित मोटर वीइकल ऐक्ट दिल्ली समेत देश के अधिकतर राज्यों में लागू हो चुका है।

    एक्स्ट्रा बल्ब रखना है जरूरी
    आपकी गाड़ी की हेडलाइट सही है फिर भी वाहन में 1 एक्स्ट्रा बल्ब होना जरूरी है। ऐसा न होने पर यह मोटर वीइकल ऐक्ट का उल्लंघन है। यह प्रावधान रात के वक्त हेडलाइट का बल्ब खराब होने पर उसे बदलने के लिए किया गया है।

    खुद तो दूर साथ वाला भी सिगरेट न पीए
    जो व्यक्ति गाड़ी को ड्राइव कर रहा है वह सिगरेट नहीं पी सकता। यहां तक कि उसके साथ बैठने वाला व्यक्ति भी अगर सिगरेट पीता हुआ मिलता है तो भी यह मोटर वीइकल ऐक्ट का उल्लंघन है और इसका भी चालान कट सकता है। ऐसे में अगली बार जब आप ड्राइव करें तो ध्यान रखें कि कोई भी गाड़ी में धूम्रपान न करे।

    ड्राइवर को पूरी बांह की शर्ट पहनना जरूरी
    गाड़ी चलाते समय ड्राइवर को पूरी बांह की शर्ट या टी-शर्ट पहनकर ड्राइविंग करना जरूरी है। ऐसा न करने पर भी आपका चालान कट सकता है। इसके लिए 1000 रुपये की जुर्माना राशि तय की गई है।

    कंडक्टरों पर भी लागू होता है नियम
    ट्रक, ट्रैक्टर व ऐसे अन्य भारी व हल्के वाणिज्यिक वाहनों के ड्राइवर जिन्होंने लुंगी-बनियान पहनी है, वे इन गाड़ियों को नहीं चला पाएंगे। यही नहीं सहायकों या कंडक्टरों पर भी यह नियम लागू होता है। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो चालान के लिए तैयार रहें।

    शीशा गंदा हुआ तो भी होगा चालान
    अगर आपकी गाड़ी का शीशा गंदा है और इससे आप सही ढंग से देख नहीं पा रहे तो भी आपका चालान हो सकता है। वहीं, आपकी गाड़ी का शीशा अगर टूटा हुआ है तो भी यह दूसरों की जान के लिए खतरा बन सकता है। इसके तहत भी आपका चालान हो सकता है।

    बीमार हैं तो ड्राइविंग से दूर रहें
    शारीरिक या मानसिक रूप से आप सही नहीं हैं, तो गियर युक्त गाड़ी नहीं चला सकते। आप अगर बीमार होने पर भी ड्राइविंग करते हैं तो आपको 1000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि जुर्माने की यह राशि पहले 200 रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया।