आर्थिक आंकड़ों और फेड के फैसले पर रहेगी बाजार की नजर

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नई दिल्ली। फैसले की घोषणा इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की चाल तय करेंगे। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।  इसके अलावा एक जुलाई से जीएसटी को लागू करने की तैयारियां भी सप्ताह के दौरान बाजार की गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

टेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक निदेशक विजय सिंघानिया ने कहा कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) की बैठक और ब्रिटेन के चुनाव के बाद इस हफ्ते निवेशकों की नजर घरेलू व्यापक आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों पर रहेगी। मानसून की प्रगति पर भी बाजार प्रतिक्रिया देगा।

पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर ब्रिटेन के चुनाव का खासा असर रहा। शुक्रवार को आए नतीजे में ब्रिटिश मतदाताओं ने खंडित जनादेश दिया। व्यापक आर्थिक मोर्चे पर थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा बुधवार को आना है। अप्रैल के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े सोमवार को बाजार बंद होने के बाद जारी होंगे। जबकि मई के लिए खुदरा महंगाई के आंकड़े भी इसी दिन घोषित होंगे।

कोटक सिक्योरिटीज की वाइस प्रेसीडेंट (पीसीजी रिसर्च) टीना विरमानी ने कहा कि आने वाले समय में बाजार का फोकस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के साथ ब्याज दर में वृद्धि को लेकर फेडरल रिजर्व के निर्णय पर होगा। ब्रेक्जिट वार्ता पर ब्रिटेन के चुनाव परिणाम के असर के साथ तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण हैं।

उनके मुताबिक, घरेलू स्तर पर बाजार की नजर मानसून की प्रगति पर होगी क्योंकि यह कृषि संबंधित क्षेत्र, सीमेंट, वाहन तथा रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है। जीएसटी काउंसिल की कुछ क्षेत्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए होने वाली बैठक भी नई कर व्यवस्था के जुलाई से सुचारु क्रियान्वयन के लिए जरूरी है।

दोनों प्रमुख सूचकांकों- सेंसेक्स और निफ्टी में पांच हफ्तों में पहली साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सूचकांक सेंसेक्स 11.23 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 14.75 अंक फिसला।

बीते हफ्ते इस गिरावट के बीच देश की दस सबसे मूल्यवान कंपनियों में से चार का बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) 36771.7 करोड़ रुपये घटा। सबसे ज्यादा नुकसान आइटीसी और टीसीएस को हुआ। इन दोनों के अलावा इंफोसिस और ओएनजीसी को हानि हुई। इसके उलट रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, एचयूएल, एसबीआइ और मारुति के एम-कैप में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

तीन साल में छोटी कंपनियों ने दिया 72 फीसद रिटर्न
मई में समाप्त तीन साल की अवधि में छोटी कंपनियों ने निवेशकों को 72 फीसद से ज्यादा रिटर्न दिया। इस दौरान एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने सेंसेक्स और लार्ज कैप इंडेक्स से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। जहां इस दौरान बीएसई केस्मॉल-कैप इंडेक्स ने 72.11 फीसद रिटर्न दिया। वहीं, ब्लू चिप इंडेक्स सेंसेक्स ने 34.24 फीसद और एसएंडपी बीएसई लार्ज कैप ने 38.56 फीसद रिटर्न दिया।