आयकर विभाग का नया मोबाइल ऐप करेगा रिटर्न दाखिल करने में हेल्प

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नई दिल्ली। आयकर विभाग (Incometax Department) ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए नया मोबाइल ऐप जारी किया है। इसका नाम एआईएस ऐप (AIS) है। इसमें आयकरदाताओं द्वारा सालभर किए गए हर ट्रांजैक्शन की जानकारी उपलब्ध होगी। इसकी मदद से आयकर रिटर्न (ITR) भरना आसान हो जाएगा। ऐप पर कुल वार्षिक आय, निवेश, कुल खर्च, टीडीएस, कर भुगतान या बकाया और रिफंड समेत 46 तरह के लेनदेन की सूचनाएं मिलेंगी।

टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए विभाग ने पिछले साल वार्षिक सूचना रिपोर्ट (एआईएस) शुरू की थी। इसके तहत टैक्सपेयर द्वारा किए गए 46 तरह के लेनदेन इस रिपोर्ट में शामिल किए जाते हैं। इसमें टैक्सपेयर को लेनदेन से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी मिल जाती है। जैसे-उसने पिछले वित्त वष में कितना ब्याज कमाया है, उसे डिविडेंड से कितनी राशि मिली है। इसके अलावा म्‍युचुअल फंड, विदेश भेजे गए रुपये आदि की पूरी जानकारी होती है।

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय एआईएस इस्तेमाल फायदेमंद होता है। टैक्सपेयर को कर देनदारी का पूरा पता चल जाता है और रिटर्न दाखिल करते समय किसी तरह की चूक से बचा जा सकता है।

एप डाउनलोड करने का तरीका

  • सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर पर जाएं और सर्च विकल्प में एआईएस फॉर टैक्सपेयर्स टाइप करें।
  • इसे इंस्टाल कर लें। फिर ऐप को खोलें। लॉगइन के लिए अपना पैन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
  • इसके बाद पैन नंबर से जुड़ा मोबाइल नंबर और ईमेल-पता दर्ज करें।
  • आपके मोबाइल और ईमेल पर ओटीपी आएगा। दोनों को दर्ज करें।
  • इसके बाद मोबाइल सिक्योरिटी पिन बनाएं। इसके बिना ऐप नहीं खुलेगा।
  • अब पिन को दर्ज कर ऐप में लॉगइन करें। आपका ब्योरा खुल जाएगा।
  • इसके बाद एआईएस लिंक पर क्लिक करें। यहां बीते तीन वित्त वर्ष का ब्योरा खुल जाएगा।
  • इस वर्ष का ब्योरा चाहते हैं, उस पर क्लिक करें।

वेबसाइट से भी ले सकते हैं रिपोर्ट
इसके अलावा आयकर विभाग की वेबसाइट (www.incometax.gov.in) पर लॉगइन करके भी एएसआई की जानकारी हासिल की जा सकती है।

एएसआई में होता है पूरा लेखा-जोखा
एनुअल इफॉमेशन स्‍टेटमेंट (एएसआई) आयकर के वित्त वर्ष के दौरान हुए लेनदेन का पूरा ब्योरा रखता है। यह रिटर्न दाखिल करने में काफी काम आता है। इसमें हर लेनदेन की अतिरिक्त जानकारी होती है। जैसे वार्षिक आय. कितना किराया प्राप्त किया, बैंक बैलेंस, कितनी नकदी जमा की, कितनी नकदी निकाली, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लेनदेन, डिविडेंट, बचत खाते पर कितना ब्याज मिला, शेयर और म्युच्युअल फंड की खरीद-फरोख्त, विदेश यात्रा, संपत्ति की खरीद-फरोख्त इत्यादि।

68 हजार मामलों में कई विसंगतियां
हाल ही में आयकर विभाग ने बताया था कि साल 2019-20 के दौरान करीब 68 हजार मामले ऐसे मिले हैं, आयकर रिटर्न और विभाग के पास मौजूद जानकारी के बीच कई विसंगतियां मिली हैं। वार्षिक सूचना रिपोर्ट (एआईएस) की मदद से विभाग ने यह विसंगतियां पकड़ी हैं। विभाग ने ऐसे टैक्सपेयर्स को ई-कैंपेन के माध्यम से ईमेल, एसएमएस या फिर टैक्स पोर्टल के माध्यम से इसकी जानकारी दी और लोगों ने जानकारी को ई-सत्यापन के माध्यम अपडेट कर दिया है। हालांकि अब भी करीब 33 हजार टैक्सपेयर्स ने जवाब नहीं दिया है। विभाग इन पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।