आधार: अब कहां जरूरी और कहां नहीं, जानिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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नई दिल्ली। आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना अहम फैसला सुनाते हुए इसकी वैधता को बरकरार रखा है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ कर दिया कि आधार कहां जरूरी है और कहां जरूरी नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि मोबाइल नंबर के लिए आधार डेटा मांगना गलत हैं। आइए जानते हैं अब कहां जरूरी होगा आधार और कहां नहीं…

कहां जरूरी
-पैन और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार नंबर जरूरी।
-सीबीएसई, नीट और यूजीसी के लिए आधार जरूरी

कहां नहीं जरूरी
-सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट के लिए आधार जरूरी नहीं है।
-सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि स्कूल में ऐडमिशन के लिए आधार जरूरी नहीं।
-टेलिकम कंपनियां, ई-कॉमर्स फर्म, प्राइवेट बैंक और अन्य इस तरह के संस्थान आधार की मांग नहीं कर सकते हैं।

फैसले के दौरान कोर्ट ने क्या कहा
-आधार आम लोगें के हित के लिए काम करता है और इससे समाज में हाशिये पर बैठे लोगों को फायदा होगा।
-आधार डेटा को 6 महीने से ज्यादा डेटा स्टोर नही करेंगे। 5 साल तक डेटा रखना बैड इन लॉ है।
-सुप्रीम कोर्ट ने आधार ऐक्ट की धारा 57 को रद्द करते हुए कहा कि प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकतीं।
-आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है। इसके डुप्लिकेट होने का कोई खतरा नहीं। आधार एकदम सुरक्षित है।
-लोकसभा में आधार बिल को वित्त विधेयक के तौर पर पास करने को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया।