आठ साल बाद सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर में 78,500 नौकरियां मिलीं

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नई दिल्ली। भारत के निर्यात में अहम योगदान निभाने वाले और सेवा सेक्टर का इंजन माने जाने वाले सूचना प्रौद्योगिक (आईटी) में आठ साल बाद अच्छे संकेत सामने आए हैं। बेरोजगारी के आरोपों से जूझ रही केंद्र सरकार के लिए भी यह राहत की बात है कि आईटी की दिग्गज चार कंपनियों ने ही इस साल 78500 नौकरियां दी हैं। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के ताजा ट्रेंड से यह बात सामने आई है।

टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो ने दी नौकरियां
आईटी कंपनियां काफी समय से कुशल कर्मचारियों की कमी से जूझ रही हैं। लिहाजा, बड़ी आईटी कंपनियां भर्ती करने में व्यस्त हैं। पिछले वित्त वर्ष में कम नौकरियां देने वाली देश की शीर्ष चार आईटी कंपनियों में इस साल हायरिंग (भर्ती) आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इन कंपनियों ने 78,500 नई नौकरियां दी हैं। इस सैंपल सर्वे में टाटा कंसल्टिंग सर्विसेज (TCS), इंफोसिस (Infosys), विप्रो (Wipro) और एचसीएल टेक्नोलॉजीज ( HCL Technologies) शामिल हैं। इन कंपनियों ने सबसे ज्यादा भर्तियां की हैं।

आठ साल में 70 हजार और अब एक ही साल में इससे ज्यादा नौकरियां
सैंपल के मुताबिक वित्त वर्ष 12-2013 में इन कंपनियों ने 81,722 कर्मचारियों की भर्ती की थी। वित्त वर्ष 2013-14 से वित्त वर्ष 2017-18 तक हर साल इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 70,000 से कम लोगों को नौकरियां दी थीं। जबकि इस साल इससे ज्यादा नौकरियां मिली हैं। नई भर्तियां इस बात का प्रतीक है कि इस सेक्टर में बहार लौट रही है।

सबसे ज्यादा हिस्सेदारी टीसीएस की
चार कंपनियों का कुल कर्मचारी आधार मार्च 2019 के अंत में 9.6 लाख था, जो एक साल पहले की तुलना में 8.9 फीसदी अधिक है। TCS की इस सैंपल की कुल संख्या में 44 फीसदी कर्मचारियों की हिस्सेदारी रही। इसके बाद इंफोसिस (23.7 फीसदी) का नंबर है। विप्रो 17.8 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर थी जबकि इस सैंपल में एचसीएल टेक की हिस्सेदारी 14.3 फीसदी रही।