अब भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को रिटायर करने की तैयारी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों से पीछा छुड़ाने के लिए सख्ती के मूड में है। सरकार ने इस क्रम में बैंकों, पब्लिक सेक्टर की कंपनियों (PSUs) और अपने सभी विभागों को अपने अधीन काम कर रहे कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

कार्मिक मंत्रालय (Personnel Ministry) ने केंद्र सरकार के अधीन आने वाले सभी सरकारी विभागों के सचिवों को अपने सभी श्रेणियों के कर्मचारियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सरकारी कर्मचारियों को रिटायर करने की प्रक्रिया ‘एकपक्षीय’ नहीं हो। मंत्रालय ने कहा, ‘सभी पीएसयू/बैंकों और स्वायत्त संस्थानों सहित मंत्रालयों/विभागों को सही भावना से समय-समय पर अपने नियंत्रण में आने वाले कर्मचारियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए जाते हैं।’

हर महीने की 15 तारीख को देनी होगी रिपोर्ट
कार्मिक मंत्रालय ने कहा, ‘मंत्रालयों और विभागों को सुनिश्चित करना चाहिए कि एक सरकारी कर्मचारी को रिटायर करने के लिए राय तैयार करने की प्रक्रिया जनहित को ध्यान में रखते हुए होनी चाहिए। साथ ही इससे जुड़ा फैसला मनमानापूर्ण और अप्रासंगिक तथ्यों के आधार पर नहीं होना चाहिए।’आदेश में कहा गया कि सभी सरकारी संगठनों को 15 जुलाई, 2019 से सुझाए गए प्रारूप में हर महीने की 15 तारीख को रिपोर्ट जमा करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

इन नियमों के तहत होगी कार्रवाई
क वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंकों, पीएसयू और केंद्र सरकार के विभागों के तहत काम करने वाले कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड्स की समीक्षा कार्मिक मंत्रालय के फंडामेंटल रूल्स 56 (जे), (आई) और सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) रूल्स 1972 के रूल 48 के तहत की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये नियम सरकार को जनहित में ऐसे सरकारी कर्मचारी को रिटायर करने का अधिकार देते हैं, जिसकी ‘ईमानदारी संदेहपूर्ण हो’ और वह काम में ‘निष्प्रभावी पाया गया हो।’

हाल में कई बड़े अफसर किए गए रिटायर
केंद्र सरकार इन्हीं नियमों के तहत हाल में भारतीय राजस्व सेवा (सीमा कर और केंद्रीय उत्पाद कर) के 15 अधिकारियों को रिटायर कर चुकी है। इसी महीने की शुरुआत में भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) के 12 अधिकारियों को सेवा से बाहर कर दिया गया था।