वित्त वर्ष 31 दिसंबर को खत्म हुआ तो जल्द करना होगा निवेश

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नई दिल्ली। सरकार वित्त वर्ष (1 अप्रैल-31 मार्च) को बदलकर 1 जनवरी से 31 दिसंबर करने की तैयारी में है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि यदि 31 दिसंबर 2017 को मौजूदा वित्त वर्ष समाप्त हो जाता है तो आप पर इसका क्या असर होगा।

1. जल्द आएगी डेडलाइन
प्रस्तावित बदलाव की रूपरेखा अभी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन यह तर्कसंगत है कि यदि 31 दिसंबर को वित्त वर्ष का अंत होता है तो कई डेडलाइन आपने सामने तीन महीने पहले आ जाएगी।

 

  • कंपनियां अपने कर्मचारियों से सेक्शन 80C के तहत निवेश की जानकारी अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मांग लेंगी, ताकि दिसंबर तक टीडीएस की कटौती हो सके।
  • अडवांस टैक्स पेमेंट भी साल खत्म होने से पहले करनी होगी।
  • 2015-16 के लिए विलंब से रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर होगी।

2.जल्दी करना होगा निवेश

  • ऐसे टैक्सपेयर्स जो अपनी टैक्स प्लानिंग वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में करते हैं वे प्रभावित होंगे।
  • बीमा कंपनियों की 70% प्रीमियम आमदनी वित्त वर्ष के आखिरी तीन महीनों में होती है।
  • टैक्स सेविंग ELSS फंड में 50% आमद अंतिम तीन महीनों में ही होती है।
  • इनमें निवेश 31 दिसंबर से पहले करना होगा।
  • जनवरी-मार्च में खरीदे गए मेडिकल इंश्योरेंस के साथ भी यही होगा।
  • म्यूचुअल फंड के निवेशक एसआईपी को अडवांस कर सकते हैं, लेकिन इंश्योरेंस प्रीमियम का अडवांस पेमेंट उसी वित्त वर्ष में कर सकते हैं। नियमों में संशोधन करना होगा।
  • taxspanner.com के को-फाउंडर और सीएफओ सुधीर कौशिक कहते हैं, ‘टैक्सपेयर्स 31 दिसंबर से काफी पहले निवेश के लिए तैयार रहें, यदि टैक्स सेविंग निवेश का बड़ा हिस्सा जनवरी-मार्च अवधि में किया है।’

3. अग्रीमेंट्स को फिर से करना होगा ड्राफ्ट

  • रेंट अग्रीमेंट (जोकि आमतौर पर 1 अप्रैल से 31 मार्च के लिए तैयार किए जाते हैं) को दोबारा ड्राफ्ट करना होगा।
  • इंप्लॉइमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स को भी नए वित्त वर्ष के मुताबिक फिर से तैयार करना होगा।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एक्सपर्ट cleartax.in, प्रीति खुराना कहती हैं, ‘प्रॉपर्टी ऑनर्स और वेतनभोगी टैक्सपेयर्स जो एचआरए से छूट प्राप्त करते हैं, उन्हें रेंट अग्रीमेंट चेंज करना होगा।’

4. छूट और कटौती की सीमा हो सकती है कम

  • मौजूदा वित्त वर्ष 31 दिसंबर को खत्म होता है तो विभिन्न सेक्शन के तहत बेसिक छूट और कटौती की सीमा कम की जा सकती है।
  • अशोक माहेश्वरी ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर अमित माहेश्वरी कहते हैं, ‘यदि सरकार टैक्स में नुकसान ना उठाए तो छूट और कटौती में प्रो राटा कमी की जा सकती है।’

5. विदेशों से आय प्राप्त करने वाले टैक्सपेयर्स को फायदा

  • वित्त वर्ष में प्रस्तावित बदलाव उन टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद है जो विदेशों से आय प्राप्त करते हैं। दुनिया के दूसरे देशों के वित्त वर्ष के साथ मिलान होने पर विदेशी इनकम की घोषणा करने में दुविधा दूर होगी।
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट शुभम अग्रवाल के मुताबिक, ‘प्रस्तावित बदलाव भारत के वित्त वर्ष को बाकी दुनिया के वित्त वर्ष से जोड़ देगा।’

6.सीजनल इनकम वाले टैक्सपेयर्स को कम टैक्स देना पड़ेगा

  • ऐसे लोग जिनकी अधिकांश आमदनी वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में होती है, उन्हें इस साल कम टैक्स देना होगा।