प्रतिस्पर्धा में भारत की रैंकिंग चार पायदान गिरकर हुई 45, हांगकांग रहा शीर्ष पर

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नई दिल्ली । प्रतिस्पर्धा के लिहाज से तैयार की गई वार्षिक रैंकिंग में भारत चार पायदान गिरकर 45वें स्थान पर रह गया है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डवलपमेंट (आइएमडी) के वर्ल्ड कंपटीटिवनेस सेंटर द्वारा तैयार की गई रैकिंग में हांगकांग सूची में शीर्ष पर रहा है।
अमेरिका शीर्ष तीन रैंकिंग से बाहर हो गया है।

जबकि हांगकांग ने अपनी रैंकिंग में लगातार दूसरे साल सुधार किया है। स्विट्जरलैंड और सिंगापुर क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। अमेरिका इसके बाद चौथे स्थान पर रहा। पिछले पांच साल में अमेरिकी के यह सबसे खराब रैंकिंग है। पिछले साल अमेरिका तीसरे स्थान पर था। नीदरलैंड ने इस सूची में पांचवां स्थान हासिल किया है। पिछले साल उसकी रैंकिंग आठवीं थी। शीर्ष 10 देशों में आयरलैंड छठे, डेनमार्क सातवें, लक्जमबर्ग आठवें, स्वीडन नौवें और यूएई दसवें स्थान पर रहा।

जहां तक एशिया की बात है, भारत की स्थिति गिरी है जबकि चीन सात पायदान के सुधार के साथ 18वें स्थान पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय कारोबार में उसके प्रयासों के कारण उसकी स्थिति सुधरी है। आइएमडी वर्ल्ड कंपटीटिवनेस सेंटर के प्रोफेसर आरटुरो ब्रिस ने कहा कि अगर आप देखेंगे, चीन ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लगातार प्रयास करके अपनी स्थिति सुधारी है। इसी वजह से उसने सात पायदान की छलांग लगाई। इससे अर्थव्यस्था को रफ्तार मिलेगी। सरकार और व्यवसाय के स्तर पर कार्यकुशलता भी सुधरेगी।

सूची में निचले पायदान की बात की जाए तो इसमें वे देश शामिल हैं जहां राजनीति और आर्थिक उथल-पुथल देखी जा रही है। यूक्रेन 60वें, ब्राजील 61वें और वेनेजुएला 63वें स्थान पर रहे। आइएमडी वर्ल्ड कंपटीटिवनेस सेंटर स्विट्जरलैंड के आइएमडी बिजनेस स्कूल का रिसर्च ग्रुप है। वह 1989 से हर साल देशों की प्रतिस्पर्धा क्षमता पर रैंकिंग जारी करता है। इस साल की रैंकिंग में 63 देशों को शामिल किया गया है। साइप्रस और सऊदी अरब पहली बार इस सूची में आये हैं।

इस बीच आइएमडी वर्ल्ड कंपटीटिनेस सेंटर ने पहली बार डिजिटल कंपटीटिवनेस पर देशों की अलग से रैंकिंग की है। इस सूची में सिंगापुर सबसे ऊपर है। इसके बाद स्वीडन, अमेरिका, फिनलैंड, डेनमार्क का स्थान आता है। निचले पायदान के पांच देशों में इंडोनेशिया, यूक्रेन, मंगोलिया, पेरू और वेनेजुएला शामिल हैं।