प्रदूषण मुक्त चम्बल के लिए महाआरती से शंखनाद

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आध्यात्म और पर्यावरण प्रेमियों का अभियान

कोटा। हाड़ौती और राजस्थान और मध्यप्रदेश की जीवन रेखा चम्बल के संरक्षण और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए गुरुवार को नयापुरा में पर्यावरणप्रेमी नागरिकों एवं संत समाज ने शंखनाद किया। उन्होंने घंटा, घड़ियालों के माघ्यम से महाआरती के जरिए बताया कि चम्बल खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो गई है।

गंदगी के कारण चम्बल की आरती के समय वहां खड़ा रहना मुश्किल हो गया। राष्ट्रीय जल बिरादरी की चम्बल संसद, तरूण भारत संघ, सोसायटी फॉर कजर्वेशन हिस्टोरिकल ईकोलॉजिक रिसोर्स, भारतीय सांस्कृतिक निधि ,कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी आदि के तत्वावधान में नयापुरा चम्बल की छोटी पुलिया पर महाआरती की गई।

चम्बल को बचाना है, बचाना है, चम्बल मैया की जय आदि के उद्घोषों के बीच आरती में सैकड़ों नागरिकों ने भाग लिया। नयापुरा पुलिया को इस लिए चुना गया कि यहीं पर चम्बल सर्वाधिक प्रदूषित है।

जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि नगर विकास न्यास के अध्यक्ष आरके मेहता ने इस अवसर चम्बल शुद्धिकारण के लिए न्यास की प्रतिब़द्धता जताते हुए कहा कि चम्बल को स्वच्छ रखना हमारा कर्त्तव्य है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी नमामि गंगे मंत्रालय के माध्यम से नदी को साफ रखने की योजना पर काम कर रहे है। कोटा में न्यास को भी एनजीटी के निर्देश मिले हैं। न्यास शीघ्र ही स्मार्टसिटी में चम्बल प्रदूषण विषय को भी घ्यान रखेगा। स्वयंसेवी संस्थाऐं दबाव बनाऐ रखें।

कोटा में प्रदूषित चम्बल नदी

गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जीडी पटेल, अर्थशास्त्री शिक्षविद् डॉ. गोपाल सिंह, डॉ. गोपाल धाकड़ , ओम कोठारी प्रबंधन संस्थान के निर्देशक डॉ. अमित सिंह राठौड़, वानर सेनर के गजेंद्र भार्गव,राष्ट्रीय प्रताप फाउण्डेशन के राजेंद्र सुमन, कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. सुसेन राज, नीरज तिवारी, शेर संस्था के प्रवीण कुमार सिंह, मुकेश सुमन अदि ने चम्बल की उपेक्षा पर अफसोस जताते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी की बात करने वालों को चम्बल की दुर्दशा ठीक करने का संकल्प लेना होगा।

राजस्थान के बड़े शहरों को पानी पिलाने की योजनायें बिना चम्बल शुद्धिकरण के संभव नहीं है। इस अवसर पर नगर निगम के पार्षद विनोद नायक, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रहलाद पंवार समेत कई ईपीएम नागरिक मौजूद थें। शिक्षाविद् डॉ. गोपाल सिंह ने कहा चम्बल के संरक्षण के लिए प्रबुद्ध करने नागरिकों को सरकार पर दबाव बनाना पड़ेगा।

सरकार चम्बल को जिंदा रखने की प्रतिब़द्धता जाहिर करे। योजनाओं को ठण्डे बस्ते में से निकाल कर अमली जामा पहनाऐं। विजयवर्गीय ने बताया कि चम्बल बचाने के लिए जन आंदोलन पर मजबूर किया जा रहा है। समय रहते सरकार काम शुरू करे। तकनीकी विशेषज्ञों को बुला कर राय से काम किया जाए।