छोटे निर्यातकों को जीएसटी में मिली बड़ी राहत

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अब ऐसे निर्यातकों को निर्यात करते वक्त बांड और बैंक गारंटी देने के बजाय सिर्फ एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलयूटी) देना होगा। इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है।

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत छोटे निर्यातकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब ऐसे निर्यातकों को निर्यात करते वक्त बांड और बैंक गारंटी देने के बजाय सिर्फ एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलयूटी) देना होगा। इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बीते बुधवार की अधिसूचना जारी कर दी है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने छोटे निर्यातकों को राहत देने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि एलयूटी की सुविधा उन्हीं निर्यातकों के मिलेगी, जो ढाई करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की कर चोरी के आरोप में दंडित नहीं किए गए हों। 

उल्लेखनीय है कि जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से ही निर्यातक, खास कर छोटे निर्यातक ड्यूटी के मसले पर आंदोलित हैं। इसी मसले पर पिछले सप्ताह निर्यातकों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात की थी।

उस दौरान उन्होंने बताया कि था कि छोटे निर्यातकों को बांड एवं बैंक गारंटी जमा करने से काफी दिक्कत हो रही है और उसे कार्यशील पूंजी के साथ-साथ बैंक गारंटी के लिए भी बाजार से ऋण लेना पड़ रहा है। उसी के बाद वित्त मंत्री ने कहा था कि निर्यातकों की जायज मांग मानी जाएगी।

छोटे निर्यातको को होगा फायदा
जीएसटी मामलों के विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा डीएसपी एसोसिएट्स के पार्टनर अतुल जैन का कहना है कि इस फैसले से एक करोड़ रुपये से कम का निर्यात करोबार करने वाले छोटे निर्यातकों को काफी राहत मिलेगी।

इससे पहले तक निर्यात करने के लिए उन्हें बांड के साथ साथ बैंक गारंटी भी देनी पड़ती थी। इन सब कार्य में समय और श्रम लगता ही था, उचित धनराशि का भी इंतजाम करना पड़ता था।