RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू, गुरुवार को आएगी समीक्षा

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नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक यहां मंगलवार को शुरू हुई और द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के उसे निष्कर्ष बृहस्पतिवार को जारी किए जाएंगे। उम्मीद है कि मुद्रास्फीति की नीति लगातार नीचे बने रहने के मद्देनजर समिति अपने नीतिगत रुख को ‘नपी-तुली कठोरता’ बरतने की बदल कर ‘तटस्थ’ कर सकता है। लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और राजकोषीय चुनौतियों के चलते नीतिगत दर में बदलाव नहीं किए जाने की संभावना है।

छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं। यह चालू वित्त वर्ष की छठी और आखिरी मौद्रिक नीति समीक्षा है। आम तौर पर एमपीसी अपनी समीक्षा को दोपहर में जारी करती है। इस बार रिजर्व बैंक इसे सात फरवरी को सुबह पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर अपनी वेबसाइट पर जारी कर देगा।

पिछले तीन बार से अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने रेपो दरों को लेकर यथा स्थिति बरकरार रखी है। उससे पहले चालू वित्त वर्ष की अन्य दो समीक्षाओं में प्रत्येक बार उसने दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी। वर्तमान में रेपो दर 6.50 प्रतिशत है।

विशेषज्ञों के अनुसार एमपीसी मौद्रिक स्थिति के संबंध में अपने मौजूदा ‘सोच-विचार’ वाले रुख को ‘तटस्थ’ कर सकती है क्योंकि मुद्रास्फीति दर नीचे बनी हुई है। लेकिन राजकोष की स्थिति और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते वह ब्याज दरों में कटौती से किनारा करती है।

इससे पहले दिसंबर 2018 में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा था लेकिन वादा किया था कि यदि मुद्रास्फीति का जोखिम नहीं हुआ तो वह दरों में कटौती करेगा। खाद्य कीमतों में लगातार गिरावट के चलते खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2018 में 2.19 प्रतिशत रही जो 18 माह का निचला स्तर है।