Kota Dussehra 2023: शाही ठाठ बाट से निकली भगवान लक्ष्मीनारायण की सवारी

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झांकियों में जीवंत हुआ श्रीराम- रावण युद्ध

कोटा। Kota Dussehra 2023: राष्ट्रीय मेला दशहरा 2023 के तहत मंगलवार को गढ़ में पूजा- अर्चना के बाद गढ़ के दरीखाने से राजसी वैभव और ठाट-बाट के साथ हाथी पर सवार होकर भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी निकाली गई। उनके पीछे पूर्व महाराव इज्येराज सिंह खुली जीप में सवार होकर चल रहे थे। सवारी गढ़ पैलेस से रवाना होकर किशोरपुरा दरवाजे से होते हुए दशहरा मैदान स्थित विजयश्री रंगमंच पहुंची।

भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी में झांकियों के अलावा राम और रावण की सेना युद्ध करते हुए दिखी। राक्षस घोड़ों पर सवार थे तो वानर सेना हाथों में गदा लिए उनसे लड़ रही थी। माँ कालिका द्वारा असुर संहार और रौद्र रूप भी जनता को रास आया। शोभायात्रा मार्ग में दोनों ओर खड़े लोगों ने भगवान लक्ष्मीनारायण के जयकारे लगाए।

भगवान लक्ष्मी नारायण की सवारी में सबसे आगे 31 घुडसवार थे। काली माता, भगवान हनुमान व रावण समेत विभिन्न 10 झांकियां थी। उसके बाद अलग अलग प्रदेशों के लोक कलाकारों के दल भांगड़ा करते व 10 कच्ची घोड़ी नृत्य करते नजर आए। शोभायात्रा में 70 वानर सैनिक और 70 रावण के सैनिक युद्ध करते हुए चल रहे थे। इस दौरान एक हाथी और 5 घोड़ा बग्घी मौजूद रही। भगवान की सवारी के साथ ऊँट गाड़ी में युद्ध के नगाड़े बजते हुए युद्ध दृश्य बनाए गए थे। मधुर स्वर लहरियां बिखेरते 5 बैंड थे। साथ ही मशक बैंड, आर्मी बैंड और पुलिस बैंड भी था।

दरीखाने में झलका राजसी वैभव
राष्ट्रीय मेला दशहरा 2023 के तहत गढ़ पैलेस में परम्परागत दरीखाना सजा। जिसमें हाड़ौती के पूर्व ठिकानों के प्रतिनिधि परम्परागत वेशभूषा में सज-धज कर मौजूद रहे। सभी ने एक दूसरे को दशहरा की बधाई देते हुए रामा श्यामी की।

पहुंचे विदेशी पाहुणे
कोटा दशहरा मेला में रावण दहन और भगवान लक्ष्मीनारायण की भव्य सवारी को देखने के लिए विदेश से भी मेहमान पहुंचे। पर्यटन अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि जर्मनी, मेक्सिको और फ्रांस के 30 पर्यटकों के दल कोटा पहुंचे। जिन्होंने दशहरे मेले और राजस्थानी लोक संस्कृति की भव्यता को खूब सराहा।

मथुराधीश मंदिर से आया बीड़ा
शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर से परंपरागत रूप से बीड़ा आया। जिसे पूर्व महाराज इज्यराज सिंह को सौंपा गया। मंदिर की ओर से प्रथम पीठ युवराज मिलन कुमार बाबा के प्रतिनिधि चेतन सेठ ने पूर्व महाराज को प्रसाद की पोटली का बीड़ा सौंपा।