GSTN बनेगी सरकारी कंपनी, मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

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नयी दिल्ली। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पूरी तरह सरकारी कंपनी बनेगी। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को कहा कि मंत्रिमंडल ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को 100 प्रतिशत सरकारी कंपनी में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जीएसटीएन नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लिये आईटी बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराता है।

जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक में किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि इसमें केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी बराबर होगी। राज्यों की हिस्सेदारी आनुपातिक आधार पर राज्यों की होगी। फिलहाल जीएसटी नेटवर्क कंपनी में केंद्र तथा राज्यों की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह कंपनी नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को आईटी ढांचा सुविधा उपलब्ध कराती है।

शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के पांच वित्तीय संस्थान … एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक लि., आईसीआईसीआई बैंक लि., नेशनल स्टाक एक्सचेंज रणनीतिक निवेश कंपनी तथा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लि. के पास है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटीएन में स्वामित्व ढांचे में बदलाव का निर्णय पूर्व में किया गया था और जीएसटी परिषद ने इसकी मंजूरी दे दी थी। जीएसटीएन निदेशक मंडल निजी कंपनियों के पास हिस्सेदारी के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगी। आधिकारिक बयान के अनुसार इससे निदेशक मंडल का मौजूदा स्वरूप बदल जाएगा

इसमें मौजूदा निदेशक मंडल तीन निदेशक केंद्र और राज्यों से शामिल किये जाएंगे तथा तीन स्वतंत्र निदेशक होंगे। स्वतंत्र निदेश को निदेशक मंडल नामित करेगा। साथ ही एक चेयरमैन तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी होंगे। इस प्रकार, निदेशकों की संख्या 11 हो जाएगी। संप्रग सरकार ने जीएसटीएन का गठन 28 मार्च 2013 को एक निजी लिमिटेड कंपनी के रूप में किया था।

इसे नये कंपनी कानून की धारा आठ के तहत मुनाफे के लिये काम नहीं करने वाली कंपनी के तौर पर गठित किया गया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने जीएसटीएन में निजी कंपनियों के दबदबे को बार-बार उठाया था। उन्होंने इसे सुरखा की दृष्टि से गंभीर मसला बताया था।