GST काउंसिल बैठक में मुआवजे पर नहीं बनी कोई सहमति

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST council meeting) के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जीएसटी काउंसिल की बैठक में उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी थे। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में थे। तो आइए जानते हैं इस बैठक में किन बातों पर हुई चर्चा, जिनके बारे में निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया।

सीतारमण ने कहा कि आज काउंसिल में दिन की घोषणाओं की काफी बात हुई। बहुत से लोगों ने एलटीसी और फेस्टिवल एडवांस की तारीफ की। निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने राज्यों से भी आग्रह किया कि अगर वह अपने यहां एलटीसी की घोषणाओं को लागू कर सकें तो जरूर करें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज 42वीं जीएसटी काउंसिंग की बैठक थी, जिसमें एक एजेंडा पर चर्चा हुई जो है 9A. इस बैठक में उधार लेने और सेस को बढ़ाए जाने पर भी बात हुई। राज्य कुछ स्पष्टीकरण चाहते थे और उन्हें स्पष्टीकरण दिया गया।

उन्होंने बताया कि सेस से हुआ कलेक्शन राज्यों को मुआवजा देने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कमी को अब बाजार से पैसा उठाकर पूरा किया जाएगा। बता दें कि निर्मला सीतारमण ने ये साफ किया कि इस बैठक में उन मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन सकी, जिन पर विवाद हो रहा था। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल सेस और उसके कलेक्शन समेत इसके कलेक्शन की अवधि को बढ़ाने तक के बारे में फैसला कर सकती है।

सीतारमण ने बताया कि केंद्र की तरफ से एक बॉरोविंग कैलेंडर जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर वह इस कैलेंडर से ऊपर जाती हैं तो इससे बॉरोविंग कॉस्ट काफी अधिक बढ़ जाएगी। वह बोलीं कि अगर बॉरोविंग कॉस्ट अधिक बढ़ जाती है तो कोरोना काल में ये दिक्कत की बात हो सकती है, जिस वक्त सरकार अधिक को पैसों की जरूरत है। हालांकि, अगर खुद राज्य ही पैसा बाजार से उठाते हैं तो इससे हालात गंभीर नहीं होंगे।

इस बात को लेकर भी सवाल उठा कि क्या केंद्र ये पैसे बाजार से उठाएगा या फिर राज्य खुद ही पैसा उठाएंगे। ये पैसा खुद राज्यों की तरफ से ही बाजार से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थिति बिल्कुल भी दिक्कत वाली नहीं होगी। केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को सहयोग किया जाएगा।