नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी का टेन्योर 2 साल तक के बढ़ा दिया है। इसके सात ही जीएसटी के तहत होने वाले रेट कट का फायदा कंज्यूमर्स तक नहीं पहुंचाने वाली एंटिटीज पर 10 फीसदी तक पेनल्टी लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल 35वीं मीटिंग में ये फैसले लिए गए। यह पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली मीटिंग भी थी।
बड़े कारोबारी फाइल कर सकेंगे सिंगल रिटर्न
मीटिंग के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राजस्व सचिव ए बी पांडे ने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) रेजीम में सालाना रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट भी 2 महीने बढ़ाकर 30 अगस्त कर दी गई।
उन्होंने कहा कि नई सिंगल जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की व्यवस्था 1 जनवरी, 2020 से लागू कर दी जाएगी। इसके तहत ज्यादा टर्नओवर वाले टैक्सपेयर्स को एक बार ही रिटर्न फाइल करने की सुविधा मिलेगा।
जीएसटी में रजिस्ट्रेशन में होगा आधार का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के लिए आधार के इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि कारोबारी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
एनएए का कार्यकाल दो साल बढ़ा
इसके अलावा नेशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएए) के कार्यकर को 30 नवंबर, 2021 तक दो साल के लिए बढ़ा दिया गया। 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किए जाने के बाद सरकार ने कंज्यूमर्स की कंपनियों के खिलाफ जीएसटी रेट में कमी का फायदा नहीं पहुंचाने जैसी शिकायतों की देखरेख के लिए एनएए की स्थापना का ऐलान किया। एनएए की स्थापना 30 नवंबर, 2017 को दो साल के लिए की गई थी। अभी तक एनएए विभिन्न मामलों और शिकायतों पर 67 आदेश जारी कर चुका है।