FPI ने किया भारतीय पूंजी बाजार को गुलजार, 19 में 1.3 लाख करोड़ का निवेश

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नई दिल्ली। आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट और नीतिगत मोर्चे पर दिक्कतों के बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) 2019 में भारतीय पूंजी बाजार में निवेश की राह पर लौट आए। मौद्रिक नीति नें नरमी तथा अर्थव्यवस्था को सहारा देने के सरकारी उपायों के कारण एफपीआई ने 2019 में भारतीय पूंजी बाजारों में 1.3 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया। इसमें से 97,250 करोड़ रुपए का निवेश शेयरों में किया गया।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 2019 में घरेलू पूंजी बाजार में अब तक 1,33,074 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है। इससे पहले 2018 में एफपीआई ने घरेलू पूंजी बाजार से 80,919 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की थी। एफपीआई ने इक्विटी में 2019 में 97,251 करोड़ रुपए का निवेश किया, जबकि 2018 में उन्होंने 33,014 करोड़ रुपए की निकासी की थी।

इसी तरह, एफपीआई ने 2018 में 47,795 करोड़ रुपए के ऋणपत्रों की शुद्ध बिकवाली की थी, जबकि 2019 में उन्होंने 26,828 करोड़ रुपए के ऋणपत्रों की शुद्ध खरीदारी की। एफपीआई ने हाइब्रिड प्रतिभूतियों में 2018 में 109 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी, लेकिन 2019 में उन्होंने इस तरह की प्रतिभूतियों में 8,999 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की।

2019 में एफपीआई ने सिर्फ चार महीने बिकवाली की
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2017 में हाइब्रिड प्रतिभूति नाम से नई श्रेणी की शुरुआत की थी। इस श्रेणी में रियल एस्टेट निवेश न्यास (रीट) और बुनियादी संरचना निवेश न्यास (इनविट) में एफपीआई के निवेश को वर्गीकृत किया जाता है। इस तरह घरेलू पूंजी बाजार में एफपीआई ने 2019 में अबतक 1,33,074 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की है।

वर्ष 2018 में एफपीआई छह महीने बिकवाल तथा छह महीने लिवाल रहे। वर्ष 2019 में एफपीआई ने महज चार महीने बिकवाली की। उन्होंने घरेलू पूंजी बाजार से जनवरी में 5,556 करोड़ रुपए, जुलाई में 3,003 करोड़ रुपए और अगस्त में 5,871 करोड़ रुपए निकाले। दिसंबर में 21 तारीख तक के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई 159 करोड़ रुपए के शुद्ध बिकवाल रहे हैं।