Elon Musk की कंपनी टेस्ला के भारत आने का रास्ता साफ, गुजरात में लगाएगी पहला प्लांट

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नई दिल्ली। देश में काफी समय से टेस्ला की कारों का इंतजार हो रहा है। जिस तरह से भारत का बाजार बढ़ रहा है, उसपर लगभग हर दिग्गज ब्रांड की नजर है। भारत का ऑटो सेक्टर तेजी से इलेक्ट्रिफाइड भी हो रहा है। ऐसे में अमेरिकी कंपनी टेस्ला भी जल्द से जल्द भारत आना चाहती है।

अब एलन मस्क (Elon Musk) की टेस्ला आखिरकार भारत में अपना ड्राई रन खत्म कर सकती है और अगले महीने ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ के दौरान गुजरात में एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आपूर्ति प्रणाली विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घोषणा 10-12 जनवरी के प्रमुख कार्यक्रम में टेस्ला के सीईओ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में किए जाने की संभावना है।

अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने टेस्ला को अपना मैन्युफैक्चिरिंग प्लांट लगाने के लिए साणंद, बेचराजी और धोलेरा के नाम सुझाए हैं। इससे पहले, टेस्ला द्वारा अपना ईवी प्लांट स्थापित करने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु पर विचार किया जा रहा था। टेस्ला केंद्र सरकार के साथ गहन बातचीत में लगी हुई है। टेस्ला ऐसी रियायतें मांग रही है जो भारतीय बाजार में आसान एंट्री का रास्ता खोलेगी।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने नवंबर में कैलिफोर्निया के फ़्रेमोंट में टेस्ला की अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा का दौरा किया था। गोयल ने कहा कि “प्रतिभाशाली भारतीय इंजीनियरों और वित्त पेशेवरों को वरिष्ठ पदों पर काम करते हुए और गतिशीलता में बदलाव के लिए टेस्ला की उल्लेखनीय यात्रा में योगदान करते हुए देखकर बेहद खुशी हुई”। इस दौरान एलन मस्क ने गोयल से माफी मांगी थी कि वह अस्वस्थ होने के कारण उनसे नहीं मिल सके।

मस्क ने उत्तर दिया, “आपका टेस्ला आना सम्मान की बात थी! आज कैलिफ़ोर्निया की यात्रा नहीं कर पाने के लिए मुझे खेद है, लेकिन मैं भविष्य की किसी तारीख़ पर मिलने की आशा रखता हूं।” जून में स्पेसएक्स और एक्स के मालिक ने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और खुलासा किया कि वह भारत में महत्वपूर्ण निवेश करने के इच्छुक हैं।

इसके बाद मंत्री की अमेरिकी यात्रा के दौरान गोयल और मस्क की मुलाकात होने वाली थी। पहले की रिपोर्टों के अनुसार, ऑटोमेकर ने भारत सरकार से शुरुआती टैरिफ रियायत के लिए कहा था, जिससे 40 हजार डॉलर से कम कीमत वाली कारों के लिए भारत के 70 प्रतिशत और इससे महंगी कारों के लिए 100 प्रतिशत के भारी सीमा शुल्क की भरपाई हो सके।

टेस्ला ने देश में प्लांट बनाने की शर्त के तौर पर रियायत मांगी थी। कम किया गया टैरिफ सभी ईवी निर्माताओं पर लागू होगा। भारत के ईवी बाज़ार में 2030 तक 100 अरब डॉलर राजस्व के साथ 40 प्रतिशत से अधिक पैठ हासिल करने की क्षमता है।