नई दिल्ली। सरसों वायदा में गिरावट से स्टॉकिस्ट की बिकवाली बढ़ी जिससे गिरावट को बल मिला। सरसो में गिरावट देख खरीदार सतर्क हो गए हैं। जयपुर सरसो में इस हफ्ते 500 रुपये की गिरावट आयी। सरसों तेल में भी खरीदारी कमजोर बताई जा रही है। उत्तर भारत में आमतौर पर इस समय अचार बनाने के लिए सरसो तेल की अधिक मांग रहती है। जयपुर कच्ची घानी सरसो तेल में इस हफ्ते 12 रुपये प्रति लीटर तक की गिरावट आयी है।
पाम और सोया तेल जैसे सस्ते तेलों में गिरावट से सरसो तेल में भी कमजोरी आयी। सरसो की आवक 2.50 से 4.50 लाख बोरी के बीच बताई जा रही है। इस हफ्ते 22.80 लाख बोरी की आवक रही घरेलु बाजार में ड्यूटी की अटकलें और टेक्निकल कमजोरी के चलते सरसो में अभी नरमी बनी रह सकती है। सरसो मई महीने के अंत तक 44 लाख टन की आवक हो चुकी है। वहीं सरसो की क्रशिंग 38.5 लाख टन की रही। मई महीने में सरसो की आवक अप्रैल महीने के 14 लाख टन के मुकाबले 7.5 लाख टन की रही। वहीं क्रशिंग अप्रैल के 12 लाख टन से घटकर 9 लाख टन दर्ज की गयी।
किसान के पास 41 लाख टन सरसो बची है। स्टॉकिस्ट और प्रोसेसर्स के पास 6.5 लाख टन सरसो बची है। सरसो जून वायदा में इस हफ्ते 6.13 % की गिरावट आयी। सरसो तेल में अन्य तेलों की ब्लेंडिंग पर लगे प्रतिबन्ध से भी गिरावट नहीं रुकी। विदेशी बाजारों में गिरावट और घरेलू बाजार में ड्यूटी को लेकर अटकले तेज होने से सरसो में भारी गिरावट आयी। वायदा में 6300 का अहम् स्तर है। जिसके टूटने पर बड़ी गिरावट आ सकती या तो सपोर्ट लेने पर वापस रिकवरी देखने को मिले।
सोयाबीन: एनसीडीईएक्स में इस हफ्ते 6 % से ज्यादा की गिरावट आयी। रॉयटर्स द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद कि व्हाइट हाउस तेल रिफाइनरों के लिए बायो फ्यूल ब्लेंडिंग के कानूनों में राहत पर विचार कर रही है। जिससे सोया तेल की मांग में गिरावट आ सकती है। अमेरिकी सोयाबीन वायदा इस खबर के चलते शुक्रवार को तेजी से गिर गया। घरेलु वायदा बाजार में साप्ताहिक बढ़त देखने को मिली। लेकिन सप्ताह के शुरुआत में आयी बढ़त सप्ताह के अंत तक विदेशी बाजारों में कमजोरी के चलते कम हो गयी। SOPA के अनुसार मई महीने में कुल आवक 2.25 लाख टन रही। वहीं क्रशिंग 5 लाख टन बताई गयी।
किसान, प्लांट और प्रोसेस्सर के पास अब 25.64 लाख टन सोयाबीन उपलब्ध है। घरेलु बाजार में तेलों पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की खबर से तेल तिलहन बाजार में चौतरफा गिरावट आयी। सोयाबीन की ऊँची कीमतों के चलते सोयाबीन की बुवाई इस सीज़न 10 % तक बढ़ सकती है। सोयाबीन की नयी फसल आने में अभी भी 4 महीने तक का समय है और स्टॉक सीमित बचा है। जिसके चलते कीमतों को कुछ हद सहारा मिलने की उम्मीद है। लेकिन इम्पोर्ट ड्यूटी की ख़बरों से और इस सीज़न बुवाई बढ़ने से बड़ी तेजी भी नहीं दिखती। सोयाबीन फिलहाल थोड़ा और नरम हो सकता है जिसके बाद एक सीमित दायरे में कारोबार करते नजर आएगा।
रिफाइंड: सोया तेल जुलाई वायदा में इस हफ्ते 9.11 % की गिरावट आयी। शुक्रवार को जुलाई वायदा 5.86 % की गिरावट के साथ बंद हुआ। सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती करे तो तेलों की कीमतों को नियंत्रण में ला सकती है। इस खबर के चलते शुक्रवार को जोरदार गिरावट आयी। वहीं अमेरिका में बाइडेन सरकार बायो फ्यूल ब्लेंडिंग की तय सीमा में कटौती करने की खबर से सीबोट सोया तेल भी गिरावट आयी।
विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों की गिरावट और घरेलू बाजार में इम्पोर्ट ड्यूटी की खबरों से माहौल खराब है । कांडला में रिफाइंड सोया तेल की कीमतें इस हफ्ते 7.5 रुपये तक गिरे । वहीं अकोला में भी 7 रुपये की गिरावट आयी। हाजिर में मांग सुस्त मांग और विदेशों में सोया तेल स्टॉक में बढ़ोतरी के अनुमान से वैश्विक स्तर पर गिरावट आयी। USDA ने जून महीने के अंत में सोया तेल का स्टॉक 4.14 मिलियन टन रहने का अनुमान लगाया है। इम्पोर्ट ड्यूटी कटौती के बाद जो गिरावट आनि चाहिए थी, उतनी गिरावट पिछले 2 हफ़्तों में आ चुकी है, लेकिन हाजिर में जबतक मांग में सुधार नहीं होता तब तक बड़ी तेजी मान के न चलें।