एलन स्टूडेंट दिव्यांश को टोरंटो यूनिवर्सिटी ने 4 वर्षीय पाठ्यक्रम में दी छात्रवृत्ति

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कोटा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के दिव्यांश बाबेल को कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी ने 4 वर्षीय प्रोग्राम में पूर्ण छात्रवृत्ति प्रदान की है, जो कि करीब दो लाख कैनेडियन डॉलर्स के बराबर है। दिव्यांश बाबेल यहां कम्प्यूटर साइंस, गणित और सांख्यिकी का अध्ययन करेंगे।

एलन ग्लोबल स्टडीज डिवीजन के छात्र दिव्यांश के शोध अध्ययन का सारांश शोधपत्र के रूप में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च एंड एनालिटिकल रिव्यू में प्रकाशित हुआ है। दिव्यांश मूलतः उदयपुर का निवासी है और पिता डॉ.दीपक बाबेल चिकित्सक हैं तथा मां मीतू बाबेल गृहिणी हैं। दिव्यांश दिशा डेल्फी स्कूल की कक्षा 12 में अध्ययनरत है।

दिव्यांश ने भारत में कोविड-19 महामारी का पूर्वानुमान और संसाधनों का विश्लेषण’ विषय पर शोधपत्र में सरकार की कार्ययोजना, प्रतिबंधों व लॉकडाउन की कठोरता तथा चिकित्सकीय संसाधन को लेकर रिग्रेशन एनालिसिस के आधार पर विचार व्यक्त किए।

इस विश्लेषण में निष्कर्ष दिया गया कि इस महामारी से निपटने के लिए सरकार को एक सुदृढ़ योजना क्रियान्वित करनी होगी। महज लॉकडाउन ही पर्याप्त नहीं है अपितु चीन द्वारा शुरुआती दौर में बरती गई सख्ती की भी जरूरत है। हमारी चिकित्सकीय प्रणाली में पुरानी खामियां हैं, जिस कारण हम इस रोग की रोकथाम में असमर्थ हैं।

बेड की उपलब्धता, वेंटीलेटर्स की उपलब्धता पूरी नहीं है लेकिन वृहद मानवीय संसाधनों के दम पर हम मुकाबला कर रहे हैं। बसों और ट्रेनों के विकल्पों को जल्द काम में लिया गया होता तो बैड्स की उपलब्धता प्रति हजार पर 0.5 की जगह 4.7 होती। गाइड लाइन की पालना कठोरता से होती।

संक्रमण परीक्षण केन्द्रों की क्षमता को बढ़ाया जाता, आपातकालीन चिकित्सा इकाइयों की संख्या बढ़ाई जाती और वैयक्तिक स्वच्छता पर जोर दिया जाता तो स्थितियां बेहतर होती।

सारांश में कहा गया कि प्रतिबंध कड़े व अधिक समय के लिए होने चाहिए थे, जिससे शोध संस्थानों को पर्याप्त समय मिलता और रोग निरोधी उपाय, दवाइयां और टीका बनाने के लिए बेहतर प्रयास किए जा सकते थे।