नई दिल्ली। राज्यों को अब टीके की आपूर्ति के लिए केंद्र के भरोसे नहीं रहना होगा। भारत बायोटेक ने बताया है कि उसने दिल्ली सहित 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सीधे टीके भेजना शुरू कर दिया है। कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने घोषणा की है कि उसने 1 मई से राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी है।
कंपनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला के मुताबिक, भारत बायोटेक ने 1 मई से दिल्ली और महाराष्ट्र सहित 14 राज्यों को अपने COVID-19 वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ की सीधी आपूर्ति शुरू कर दी है। हैदराबाद स्थित फर्म ने केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त आवंटन के आधार पर राज्यों को अपने COVID-19 उपचार वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी है।
एला ने ट्वीट किया, “भारत बायोटेक ने 1 मई 2021 के बाद से, भारत सरकार द्वारा प्राप्त आवंटन के आधार पर राज्यों को COVAXIN की प्रत्यक्ष सप्लाई दी जाएगी। अन्य राज्यों से भी अनुरोध प्राप्त हुए हैं, और स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर वैक्सीन के वितरण के लिए कार्रवाई की जाएगी।”
कंपनी ने आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को टीके की सप्लाई भेजी है। 29 अप्रैल को, भारत बायोटेक ने राज्यों के लिए ‘कोवैक्सीन’ की कीमत में कटौती करने की घोषणा की थी, जो पहले की 600 रुपये प्रति खुराक थी लेकिन बाद नें 400 रुपये प्रति कर दी थी।
इसके बाद इसकी मूल्य निर्धारण नीति की व्यापक आलोचना हुई क्योंकि इसने केंद्र सरकार को वैक्सीन 150 रुपये प्रति खुराक पर बेची थी। भारत ने अपनी COVID-19 टीकाकरण ड्राइव के विस्तार की घोषणा की है, जिसमें 18+ के ऊपर की आबादी को टीका लगवाने की मंजूरी दे दी गई है।
राज्यों को अब तक 18 करोड़ खुराकें मुफ्त दी
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के पास एक करोड़ से अधिक कोविड-19 रोधी टीकों की खुराक मौजूद है और अगले तीन दिनों में उन्हें अतिरिक्त नौ लाख से अधिक खुराके दी जाएंगी। मंत्रालय ने बताया कि केन्द्र ने अभी तक राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 रोधी टीकों की 17,93,57,860 खुराकें मुफ्त में दी है। इनमें से बर्बाद हुई खुराकों सहित कुल 16,89,27,797 को इस्तेमाल किया जा चुका है।
राज्यों के पास एक करोड़ से अधिक खुराकें मौजूद
मंत्रालय ने कहा, ” राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के पास अब भी एक करोड़ से अधिक (1,04,30,063) खुराकें लगाने के लिए मौजूद हैं। इसके अलावा, जिन राज्यों का कहना है कि खपत की तुलना में आपूर्ति कम है, उन्होंने सशस्त्र बलों को मुहैया कराए गए टीकों को आंकड़ों में शामिल नहीं किया है।