एक से दूसरे राज्य जाने पर भी जांच की जरूरत खत्म हो
नई दिल्ली। देश में दिन-ब-दिन बढ़ रहे कोरोना केस के साथ टेस्टिंग भी बढ़ रही है। लोग अब ज्यादा तादाद में टेस्ट करवा रहे हैं। इससे देशभर की लैब पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे हालात देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मंगलवार को कोरोना टेस्टिंग पर नई एडवाइजरी जारी की है।
इसमें लैब पर दबाव कम करने के लिए RT-PCR टेस्ट घटाने और रैपिड एंटीजन टेस्ट बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। ICMR का कहना है कि संक्रमण की दूसरी लहर में टेस्टिंग लैब्स पर भारी दबाव है। ऐसे में जांच का टारगेट पूरा करने में परेशानी हो रही है। लैब के कर्मचारी भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं।
ICMR ने एडवाइजरी में कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसे 2020 में मान्य किया गया था। अब इसका उपयोग कम किया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन में या कुछ हेल्थ सेंटर में इसे यूज किया जा रहा है। इससे सिर्फ 20 मिनट में कोरोना संक्रमण का पता चल जाता है। इसे बढ़ावा देने से लैब्स पर दबाव कम होगा।
लैब्स पर दबाव कम करने के लिए ICMR के सुझाव
- एक बार पॉजिटव आने पर किसी भी व्यक्ति का दोबारा RT-PCR या रैपिड एंटीजन टेस्ट न किया जाए।
- कोरोना से ठीक होने वाले मरीज का डिस्चार्ज होते समय टेस्ट जरूरी नहीं है।
- एक स्वस्थ्य व्यक्ति अगर इंटर स्टेट ट्रैवल कर रहा है तो उसे टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। इससे लैब पर दबाव कम होगा।
- जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं, उन्हें गैर जरूरी ट्रैवल करने से बचना चाहिए। इससे संक्रमण कम फैलेगा।
- जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं, उन्हें भी ट्रैवलिंग के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।
- राज्यों को मोबाइल सिस्टम के जरिए RT-PCR टेस्ट बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
भारत में रोजाना 15 लाख टेस्ट की कैपेसिटी
भारत में टेस्टिंग का ओवरऑल पॉजिटिव रेट 20% से ज्यादा है। मौतें काफी ज्यादा हो रही हैं। इस पर नियंत्रण हासिल करने के लिए आइसोलेशन और होम बेस्ड ट्रीटमेंट पर ध्यान देना जरूरी है। भारत में इस समय 2506 मॉलिक्यूलर टेस्टिंग लैबोरेटरी हैं। इनमें कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं। इन सबको मिलाकर भारत में 15 लाख टेस्ट रोजाना किए जा सकते हैं।
रैपिड टेस्ट पर ICMR ने ये कहा
- शहरों और कस्बों में कई जगहों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए बूथ की व्यवस्था की जाए।
- इन बूथों में सातों दिन और 24 घंटे टेस्टिंग की जाए।
- स्कूल-कॉलेज और कम्युनिटी सेंटर में भी रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की जाए।
- निजी और सरकारी हेल्थकेयर फैसिलिटी में रैपिड टेस्ट को शामिल किया जाए।