नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि अब घर के अंदर भी संक्रमण के लक्षणों के मद्देनजर मास्क लगाना जरूरी हो गया है। इससे कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में मदद मिलेगी। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की निगरानी पर फोकस की जरूरत है। मंत्रालय ने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे कोविड प्रोटोकॉल का 100 फीसद पालन करें और मास्क लगाएं। इसके अलावा रेमडेसिविर को लेकर डर का माहौल न बनाएं। मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए संक्रमण चेन को तोड़ना जरूरी हो गया है।
कोरोना संक्रमण को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना सबसे जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में अबतक 14.19 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 12 राज्यों में 80 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, लद्दाख में 60 साल से ऊपर के लोगों के स्वास्थ्य का प्रदर्शन काफी अच्छा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि हमें कोरोना संक्रमण की चेन तोड़नी होगी और क्लीनिकल मैनेजमेंट पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि रेमडेसिविर को लेकर भय का माहौल नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि जिसे रेमडेसिविर नहीं मिलेगा उसकी जान चली जाएगी। हमें वायरस के प्रसार पर पहले नियंत्रण पाना है।
पीरियड्स के दौरान टीका लगवाएं या नहीं?
स्वास्थ्य सदस्य(नीति आयोग) डॉ वीके पॉल बोले, ‘हम उभरती स्थिति के कारण COVID19 टीकाकरण की गति को कम नहीं होने दे सकते। वास्तव में, टीकाकरण को बढ़ाया जाना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा कि सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को टीका लगाया जाना चाहिए या नहीं। इसका उत्तर है हां, टीका पीरियड्स के दौरान लिया जा सकता है। यह टीकाकरण स्थगित करने का कोई कारण नहीं है।
देश में 82% कोरोना के मामले ठीक हो गए: संयुक्त सचिव(स्वास्थ्य मंत्रालय) लव अग्रवाल ने बताया, ‘इस समय देश में 82% कोरोना के मामले ठीक हो गए हैं। करीब 16.25% मामले यानी कि 28,13,658 मामले अभी भी सक्रिय मामलों की दृष्टि में है। जिसकी निगरानी की जा रही है।’ उन्होंने आगे कहा कि कुछ राज्य है जहां सक्रिय मामलों की संख्या ज्यादा बनी हुई है। जिसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु राज्य शामिल है। पूरे देश में अब तक 14,19,00,000 कोरोना की डोज लग चुकी है।