जयपुर। राजस्थान में विकराल रूप लेते कोरोना संक्रमण के बीच अब राहत भरी खबर सामने आई है। प्रदेश में संक्रमित की संख्या में हो रहे इजाफे के बाद अब मरीजों का रिकवरी रेट भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। राजस्थान में पिछले 24 दिनों में 46 हजार मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। यह कोरोना काल के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले कभी भी 24 दिन में इतनी बड़ी संख्या में मरीज ठीक नहीं हुए थे। प्रदेश में अब तक एक करोड़ 17 लाख 29 हजार 303 व्यक्तियों को वैक्सीन लग चुकी है।
अप्रैल में दोगुना हुआ रिकवरी रेट
प्रदेश में संक्रमित मरीजों की रफ्तार बढ़ने के साथ ही अप्रैल महीने में रिकवरी रेट भी सुधर रहा है। साल के शुरुआती 3 महीनों में 23 हजार 849 संक्रमित स्वस्थ हुए थे। अप्रैल के शुरुआती 24 दिनों में स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 45 हजार 811 पर पहुंच गई है। प्रदेश में हर घंटे 79 मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। बीते 24 दिनों में प्रतिदिन स्वस्थ होने वाले मरीजों का औसत आंकड़ा 1 हजार 1908 पर पहुंच गया है। ऐसे में कोरोना मरीजों की रिकवरी के मामले में अप्रैल महीना नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है।
1.17 करोड़ से अधिक लग चुकी वैक्सीन
राजस्थान में शुरुआती चरण से अब तक एक करोड़ 17 लाख 29 हजार 303 व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। इनमें 99 लाख 65 हजार 596 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली डोज, जबकि 17 लाख 63 हजार 707 को दोनों डोज लग गई है। ऐसे में प्रदेश के 17 लाख 63 हजार 707 व्यक्ति कोरोना संक्रमण के घातक खतरे से अब मुक्त हो चुके हैं।
वैक्सीनेशन के बाद घातक नहीं रहता कोरोना
राजस्थान में पैर पसार रहे कोरोना संक्रमण में वह लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर महेश दवे के अनुसार, वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के 10 दिन बाद इम्यूनिटी डेवलप हो जाती है। प्रो. दवे ने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद देशभर में हेल्थ वर्कर्स फिर से पॉजिटिव हुए हैं। लेकिन कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद अब तक देश में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। जहां हेल्थ वर्कर क्रिटिकल कंडीशन पर पहुंचा है। ऐसे में कोरोना से उपचार के लिए वैक्सीन और सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र उपाय है।