मुंबई। एंटीलिया मामले में निलंबित पुलिस सब इंस्पेक्टर सचिन वाजे को मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के इशारे पर क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआईयू) में तैनात किया गया था।
मुंबई पुलिस ने गृह विभाग को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वाजे की तैनाती पर तत्कालीन संयुक्त आयुक्त (क्राइम) ने कड़ी आपत्ति उठाई थी, इसके बावजूद यह उनकी तैनाती की गई।
वाजे ने वरिष्ठता क्रम को दरकिनार किया था और वह सीधे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करते थे। इतना ही नहीं, वाजे टीआरपी घोटाला, दिलीप छाबरिया कार फाइनेंस केस, मुकेश अंबानी सुरक्षा मामले समेत कई अहम केसों पर कमिश्नर के साथ मंत्री स्तरीय ब्रीफिंग में भी हिस्सा लेते थे।
एक अधिकारी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, परंपरा के मुताबिक सीआईयू का नेतृत्व इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी करता है, लेकिन इस मामले में यह नियम दरकिनार किया गया क्योंकि वाजे सहायक पुलिस इंस्पेक्टर थे। ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ वाजे को बहाल करने का फैसला पुलिस की 5 जून, 2020 को हुई बैठक में लिया गया।
इस बैठक में तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह व कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे थे। वाजे को 8 जून को क्राइम ब्रांच में तैनात किया गया था, जबकि तैनाती का आदेश 9 जून को जारी किया गया था। वाजे समेत 56 अन्य पुलिसकर्मियों के निलंबन रद्द करने का कारण कोरोना महामारी के चलते कर्मियों की कमी बताया गया था।