नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में कच्चे तेल (Brent Crude) की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को अमेरिकी बाजार में WTI Crude 0.53 डॉलर घट कर 63.48 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) भी 0.65 डॉलर प्रति बैरल घट कर 66.87 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। इसके बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं।
इससे पहले, बीते सोमवार को ही सुबह ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) 70 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया था। हालांकि, घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Price) में आज लगातार 11वें दिन भी शांति रही। बुधवार को दिल्ली के बाजार में पेट्रोल 91.17 रुपये और डीजल 81.47 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा। इस समय लगभग हर शहर में दोनों ईधनों के दाम ऑल टाइम हाई (All Time High) पर चल रहे हैं।
भारत में कहने को तो सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल का दाम (Petrol Diesel Price) तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन, उनके कामकाज में ऐसा दिखता नहीं है। क्योंंकि, जब-जब चुनाव का मौसम (Election Season) आता है, तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम घरेलू बाजार में स्थिर रहते हैं। चुनाव खत्म होते ही फिर कीमत बढ़ने लगती है।
बीते अक्टूबर-नवंबर के दौरान जब बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) हो रहा था, तब लगातार 48 दिनों तक दाम में कोई फेरबदल नहीं हुआ था। उसके बाद लगभग रोज कीमतें बढ़ीं। इस समय पश्चिम बंगाल (West Bengal Assembly Election), केरल और असम समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है।
इस समय भले ही पेट्रोल की कीमत में शांति रही हो, लेकिन बीते फरवरी महीने के दौरान पेट्रोल के दाम में 16 दिन बढ़ोतरी हुई है। उससे यह 04.74 रुपये महंगा हो गया है। सिर्फ इस साल जनवरी और फरवरी की बात करें तो 25 दिनों मे ही पेट्रोल 7.36 रुपये महंगा हो चुका है। पेट्रोल के साथ-साथ डीजल भी आसमान में पहुंच गया है। पिछले फरवरी महीने के 16 दिनों में इसकी कीमत में 4.52 रुपये का इजाफा हो चुका है। नए साल में देखें तो करीब डेढ़ महीने में 25 दिन ही डीजल के दाम बढ़े। लेकिन इतने दिनों में ही डीजल 07.60 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।