नई दिल्ली। खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पाम ऑयल की खेती को बढ़ावा देने के लिए इसकी खेती पर दी जाने वाली सब्सिडी में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस कदम से देश में पाम ऑयल उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेगी और खाने के तेल पर आयात पर निर्भरता कम हो सकती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मुताबिक सरकार ने पाम ऑयल में प्लांटिंग पर सब्सिडी को 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया है यानि प्लांटिंग पर सब्रिडी में 50 फीसदी का इजाफा किया गया है। इसके अलावा मैंटेनेंस पर सब्सिडी को 25 फीसदी बढ़ाकर यानि 16 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया गया है। साथ में पाम ऑयल इंटरक्रॉपिंग पर सब्सिडी को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये और बोर वेल पर 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है।
देश में खाने के तेल की जरूरत को पूरा करने के लिए ज्यादातर आयात पर निर्भर रहना पड़ता है, देश में खपत होने वाले कुल खाद्य तेल का करीब 65 फीसदी हिस्सा विदेशों से आयात करना पड़ता है और सिर्फ 35 फीसदी ही घरेलू स्तर पर पैदा हो पाता है। देश में आयात होने वाले कुल खाद्य तेल में से करीब 65 फीसदी हिस्सा पाम ऑयल का ही होता है।
सालभर में घरेलू स्तर पर करीब 140-150 लाख टन खाद्य तेल का आयात होता है जिसमें से अकेला पाम ऑयल 90-95 लाख टन होता है, ऐसे में पाम ऑयल को आयात करने पर जहां बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है वहीं दूसरी ओर सरकार के चालू खाते का घाटा भी बढ़ता है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर पाम ऑयल उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है और इसके लिए दी जाने वाली सब्सिडी में बढ़ोतरी का ऐलान किया है।