नई दिल्ली। वह दिन दूर नहीं है जब खेत जोतने के लिए किसान डीजल के बजाय सीएनजी या बायो गैस से अपना ट्रैक्टर चलाएंगे। इसके लिए प्रशासनिक रूप से मार्ग प्रशस्त हो चुका है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार को भारत का पहला सीएनजी ट्रैक्टर बाजार में पेश किया। यह एक पुराना डीजल ट्रैक्टर था, जिसमें सीएनजी किट फिट करके पेश किया गया। इस मौके पर केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद रहे। इस मौके पर गडकरी ने कहा कि किसानों को इस ट्रैक्टर से साल में 1.5-2 लाख रुपये तक की बचत होगी। वहीं ईंट भट्टा पर ट्रैक्टर से काम लेने वालों को 3 लाख रुपये तक की बचत होगी।
अभी दिल्ली में डीजल 66.67 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है, जबकि सीएनजी की प्रति किलो कीमत करीब 45 रुपये है। यही नहीं डीजल के मुकाबले सीएनजी कुशल ईंधन माना जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका पर्यावरण पर कम से कम दुष्प्रभाव पड़ता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने डीजल के बदले सीएनजी या बायो गैस से ट्रैक्टर चलाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में जरूरी बदलाव कर इसे अधिसूचित भी कर दिया है।
जिस ट्रैक्टर को पेश किया गया है, वह एक पुराना ट्रैक्टर है, जिसे डीजल से सीएनजी ईंधन वाला बनाया गया है। सड़क एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि रावमैट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो ऐशिल इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से परिवर्तित और विकसित इस ट्रैक्टर से किसानों की लागत कम करने और ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। होने वाली बचत से किसानों को अपनी आजीविका में सुधार करने में मदद मिलेगी।
CNG टैंक पर कड़ी सील
बयान में कहा गया है कि यह अधिक सुरक्षित है क्योंकि सीएनजी टैंक पर कड़ी सील लगायी गयी है। इससे इसमें ईंधन भरने के दौरान या ईंधन फैलने की स्थिति में विस्फोट खतरा कम होता है। बयान में कहा गया है कि इसका भविष्य है क्योंकि वर्तमान में दुनिया भर में लगभग 1.2 करोड़ वाहन पहले से ही प्राकृतिक गैस से संचालित हैं और हर दिन और अधिक कंपनियां और नगर पालिकाएं सीएनजी वितरण में शामिल हो रही हैं। इसमें कहा गया है, डीजल की तुलना में सीएनजी में कार्बन उत्सर्जन में 70 फीसदी की कमी होती है। इससे किसानों को ईंधन की ईंधन लागत में भी 50 प्रतिशत तक की बचत होती है।