कोटा में नया ग्रीन एयरपोर्ट बनाने में फिर फंसा जमीन का पेंच, जानिए क्यों

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कोटा। शहर में नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर जमीन पर फंसा पेंच खत्म होता दिखाई नहीं दे रहा है । एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें 500 हैक्टेयर जमीन देने काे कहा गया था। इसमें भी बड़ा हिस्सा फॉरेस्ट लैंड का है। जिस पर वन विभाग देने को राजी होगा , ऐसा लगता नहीं है। क्योंकि पहले भी चाहे भामाशाह अनाज मंडी के विस्तार का मामला हो या फिर औद्योगिक भूमि के विस्तार का अभी तक वन विभाग के कारण अटका हुआ है।

पूर्व में एएआई ने एयरपोर्ट के लिए 876 हैक्टेयर जमीन मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने जमीन की मांग को बहुत ज्यादा बताते हुए 500 हैक्टेयर का संशोधित प्रस्ताव दिया था। एएआई ने इस पर सहमति देते हुए कहा है कि उक्त 500 हैक्टेयर जमीन तत्काल एएआई को सौंप दी जाए। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने गत वर्ष 23 सितंबर को राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिख जमीन हस्तांतरित करने को कहा था। लेकिन राजस्थान सरकार ने 500 हैक्टेयर क्षेत्र का ही संशोधित प्रस्ताव भेज दिया। एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब एयरपोर्ट के संबंध में बैठक ली तो एयरपोर्ट अथॉरिटी के सीएमडी अनुज अग्रवाल तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव पीएस खरोला ने उन्हें इसकी जानकारी दी।

अब राज्य सरकार चाहकर भी पीछे नहीं हट सकती, क्योंकि लैंड कम करके 500 हैक्टेयर करने का प्रस्ताव खुद राज्य सरकार ने ही सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को भेजा था। हालांकि इसमें भी बड़ा हिस्सा फॉरेस्ट लैंड है, जिसका निपटान राज्य सरकार को अपने स्तर पर करना है। अब इस 500 हैक्टेयर जमीन को चिह्नित करने के लिए एएआई की टीम आएगी और राज्य सरकार यह जमीन एएआई को सौंप देगी। जमीन मिलने के साथ ही एएआई अपने स्तर पर अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का प्रोसेस शुरू करेगी, जिसके तहत कई विभागों से एनओसी ली जाएगी।

राज्य सरकार ने कहा था-इतनी जमीन ताे नहीं है: दाे माह पहले इस मुद्दे पर राज्य व केंद्र के टाॅप लेवल के अधिकारियाें के बीच वर्चुअल मीटिंग हुई थी। इस बैठक में एएआई के प्रस्ताव पर राज्य के मुख्य सचिव ने स्वयं कहा था कि जितनी जमीन आप मांग रहे हैं, उतनी ताे पूरे राज्य में किसी एयरपाेर्ट के पास नहीं है। इस पर एएआई का कहना था कि वे भविष्य की जरूरताें के हिसाब से भी एक साथ ही जमीन चाहते हैं। तभी सीएस ने जमीन कम करने का दाेबारा प्रस्ताव भेजने काे कहा था, जिसे अब एएआई ने स्वीकार कर लिया है।

नोडल अधिकारी नियुक्त
खरोला ने पत्र में लिखा कि संशोधित प्रस्ताव के अनुसार इस भूमि पर प्रारंभिक सर्वे करवाने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए एयरपोर्ट अथाॅरिटी एक टीम का गठन भी कर रही है। इसके अलावा प्रक्रिया को निरंतर व सतत बनाए रखने के लिए एयरपोर्ट अथाॅरिटी ने निदेशक जयंत चक्रवर्ती को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। अथाॅरिटी ने राज्य सरकार को भी अपनी ओर से काेटा एयरपोर्ट के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा है।

राज्य सरकार के संशोधित प्रस्ताव के अनुसार आगे बढ़ाएं प्रक्रिया
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सख्त निर्देश दिए कि राज्य सरकार के संशोधित प्रस्ताव के अनुसार आगे बढ़ते हुए एयरपोर्ट निर्माण से संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा किया जाए। बैठक के कुछ ही देर बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव पीएस खरोला ने राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन कुमार आर्य को पत्र भेज दिया। पत्र में खरोला ने लिखा कि राज्य सरकार के कम भूमि देने के प्रस्ताव के क्रम में एयरपोर्ट अथाॅरिटी को नया एयरपोर्ट बनाने के लिए कम से कम 500 हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। राज्य सरकार भूमि तत्काल एयरपोर्ट अथाॅरिटी को हस्तांरित करे, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।