नयी दिल्ली। धान की सरकारी खरीद चालू खरीफ विपणन सत्र में अभी तक 19 प्रतिशत बढ़कर 596.98 लाख टन हो गई है, जिसकी लागत 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। एक सरकारी बयान में कहा गया, “मौजूदा खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 में, सरकार एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से खरीफ 2020-21 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद जारी रखे हुए है।” खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर महीने से शुरू होता है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियों ने 29 जनवरी, 2021 तक 596.98 लाख टन धान की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 501.97 लाख टन की हुई खरीद से 18.92 प्रतिशत अधिक है। बयान में कहा गया है, “लगभग 86.79 लाख किसानों ने पहले ही एमएसपी मूल्य 1,12,709.84 करोड़ रुपये के साथ चल रहे खरीफ विपणन सत्र खरीद कार्यों से लाभ उठाया है।”
देश में अब तक हुए 596.98 लाख टन की कुल खरीद में से अकेले पंजाब ने 202.77 लाख टन अन्न का योगदान दिया है। मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से हजारों किसान, राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि नये कृषि कानूनों को रद्द किया जाये और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था की कानूनी गारंटी दी जाये। केंद्र और लगभग 40 किसान यूनियनों के बीच ग्यारह दौर की बातचीत गतिरोध तोड़ने में विफल रही है।