यूपी के बाद अब एमपी में लव जि‍हाद पर 10 साल की सजा होगी

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भोपाल। उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्‍य प्रदेश में भी लव जि‍हाद पर अब 10 साल की सजा का प्रावधान क‍र द‍िया गया है। यह जानकारी प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्‍टर नरोत्‍तम म‍िश्रा ने दी। डॉक्‍टर नरोत्‍तम म‍िश्रा ने बताया क‍ि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के ड्राफ्ट में बहला-फुसलाकर,डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरु,काजी-मौलवी,पादरी को भी 5 साल की सजा होगी।

ऐसी शादियां कराने वाली संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा। गृहमंत्री डॉक्‍टर नरोत्‍तम म‍िश्रा के अनुसार धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को लेकर मंत्रालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में तय क‍िया गया कि‍ धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 1 माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

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उन्‍होंने बताया क‍ि बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु , काजी , मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा । इसके साथ ही धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित , माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है। साथ ही यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा ।

बैठक में तय क‍िया गया क‍ि जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा । वहीं इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा ।(स प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्यवाही की जाएगी।

धर्मांतरण या विवाह के आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा कि यह कार्य बगैर किसी दबाव , बगैर किसी धमकी के, बगैर किसी लालच दिए , बगैर बहकाए किया गया है। इस प्रकार का विवाह शूून्य माना जाएगा।