नई दिल्ली। अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन को इमर्जेंसी में इस्तेमाल की इजाजत के लिए Pfizer ने अमेरिका के नियामक प्राधिकरण को आवेदन दिया है। माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया पूरी होने पर अगले महीने सीमित संख्या में वैक्सीन की खुराकें तैयार हो सकती हैं। माना जा रहा है कि महामारी खत्म करने के लिए बड़ी आबादी तक वैक्सीन पहुंचाने में लंबा वक्त लग सकता है। इससे पहले Moderna Inc की वैक्सीन के भी 94% असरदार होने का ऐलान किया गया था।
Pfizer ने कुछ दिन पहले ही इस बात का ऐलान किया है कि उसकी वैक्सीन 95% असरदार है। कंपनी ने कहा है कि वायरस से सुरक्षा के साथ गंभीर साइड इफेक्ट न होने से वैक्सीन इस्तेमाल के लिए फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की इजाजत के लिए आवेदन कर सकती है। इसके बाद इसकी फाइनल टेस्टिंग भी की जा सकती है। अमेरिका के अलावा यूरोप और ब्रिटेन में भी आवेदन दिए जाने की तैयारी है।
कैसे बंटेगी वैक्सीन?
Pfizer के ऐलान पर अमेरिका के टॉप डिजीज एक्सपर्ट डॉ. ऐंथनी फाउची ने कहा है, ‘मदद मिलने जा रही है लेकिन अभी मास्क और दूसरे कदम बंद करना जल्दबाजी है। हम जैसे मदद का इंतजार कर रहे हैं, हमें पब्लिक हेल्थ के कदमों को दोगुना करना होगा।’ गौरतलब है कि शुक्रवार को आवेदन देने के बाद इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या खुराकें तैयार है? अगर ऐसा है तो एक और सरकारी समूह को फैसला करना होगा कि सीमित सप्लाई को बांटा कैसे जाएगा। माना जा रहा है कि 2.5 करोड़ खुराकें दिसंबर तक उपलब्ध हो सकती हैं, 3 करोड़ जनवरी में और 3.5 करोड़ फरवरी और मार्च में मिल सकती है। इसकी दो खुराकें तीन-तीन हफ्ते के अंतर पर देनी होंगी।
मॉडर्ना
Moderna की वैक्सीन भी उसी mRNA तकनीक पर आधारित है जिस पर Pfizer की वैक्सीन। कंपनी ने दावा किया है कि आखिरी चरण के शुरुआती डेटा में उसकी वैक्सीन 94.5% असरदार पाई गई है। युवाओं के साथ-साथ ज्यादा उम्र के लोगों में Moderna की वैक्सीन ने ऐंटीबॉडी पैद की जिसने वायरस के खिलाफ ऐक्शन किया। जल्द ही ऐसे समूहों पर इमर्जेंसी में इस्तेमाल करने की इजाजत के लिए आवेदन किया जाएगा जिन्हें इन्फेक्शन का ज्यादा खतरा होगा। माना जा रहा है कि अमेरिका के लिए साल के अंत तक 2 करोड़ खुराकें तैयार हो जाएंगी।
ऑक्सफर्ड वैक्सीन
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca के वैक्सीन ट्रायल के लीडर प्रफेसर ऐंड्रू पोलार्ड का कहना है कि टीम को उम्मीद है कि क्रिसमस तक वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी। उनका कहना है कि यह Pfizer से 10 गुना सस्ती होगी। दरअसल, Pfizer की वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना होगा और कुछ हफ्ते के अंतर पर दो इंजेक्शन लगाने होंगे। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन को फ्रिज के तापमान पर रखना होगा।