नई दिल्ली। भारत की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी का कहना है कि भारत को अपने विकास को गति देने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के बारे में नए सिरे से सोचने की जरूरत है और उसे दोबारा परिभाषित करना चाहिए। मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत को अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को रिडिफाइन करने और पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें अपने लघु एवं मध्यम उद्योगों को मजबूत करने की जरूरत है। रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी ने एक ऑनलाइन लॉन्च इवेंट के दौरान यह बात कही।
अंबानी ने कहा कि हमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को गति देने के लिए क्लिक्स के साथ ही ब्रिक्स पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के बीच मुकेश अंबानी की यह टिप्पणी खासा मायने रखती है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी भी लगातार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करने की बात कर रहे हैं। पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की लॉन्चिंग के दौरान कहा था कि देश के लघु एवं मध्यम उद्योगों का विकास जरूरी है। ऐसे में साफ है कि मुकेश अंबानी की राय भी काफी हद तक पीएम नरेंद्र मोदी से मिलती-जुलती है।
भविष्य के लिए आखिर मुकेश अंबानी क्या विरासत छोड़ना चाहते हैं? इसके जवाब में मुकेश अंबानी ने कहा कि हम भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाना चाहते हैं। भारत के एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह ट्रांसफॉर्म करना चाहते हैं और एनर्जी सेक्टर में भी बदलाव चाहते हैं ताकि फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम हो सके।
गौरतलब है कि पिछले ही दिनों मुकेश अंबानी ने कहा था कि रिलायंस जियो भारत को चौथी औद्योगिक क्रांति का अग्रणी बनने में मदद कर सकता है। अंबानी ने कहा था कि भले ही तीन औद्योगिक क्रांतियों में भारत में पिछड़ गया हो, लेकिन अब आईटी सेक्टर, हाईस्पीड इंटरनेट केनेक्टिविटी और अफोर्डेबल स्मार्ट डिवाइसेज के जरिए उसके पास यह मौका है। देश के सबसे अमीर शख्स ने कहा कि उनकी कंपनी रिलायंस जियो में वे तत्व हैं, जिनके जरिए औद्योगिक क्रांति की अगुवाई की जा सकती है।