जयपुर। नीट, जेईई, कैट-मैट-2020 की परीक्षा में आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स की निजता खतरे में पड़ चुकी है। उनकी निजी जानकारियों का पूरा ब्योरा न जाने कितनी बार बिक चुका है। कोचिंग सेंटर्स, ब्रोकर और हैकर्स के हाथों में भी जा रहा स्टूडेंट्स का पर्सनल डेटा।
स्टूडेंट्स के एग्जाम में होने वाली गड़बड़ियों पर नजर रखने वाले एक्टिविस्ट और व्हिस्टलब्लोवर विवेक पांडेय ने बताया कि हमने अब तक ऐसी कई वेबसाइट्स का पता लगाया है, जो स्टूडेंट्स का डेटा बेच रही हैं। जो डेटा बिक रहा है, वह पर्सनल डेटा है। ऐसे डेटा की सुरक्षा सबसे जरूरी होती है। विवेक तीन साल से लगातार इस मुद्दे को उठा रहे है, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
इन वेबसाइट्स पर बिक रही स्टूडेंट्स की निजी जानकारियां
नीट में देशभर में 15.93 लाख और जेईई के 7,46,115 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया। राजस्थान से नीट में 1.08 लाख स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं। इन सबका डाटा वेबसाइट्स पर है। इसमें से कई नंबरों पर कॉल कर चेक किया तो डाटा सही मिला।
इन एग्जाम में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों का डेटा ऑलइंडियाडेटाबेस डॉट इन, इंडियन स्टूडेंट्स डाटाबेस डॉट कॉम, मोबाइल डाटाबेस डॉट को डॉट इन, स्टूडेंट्स डाटाबेस डॉट इन जैसी वेबसाइट्स पर आसानी से मिल रहा है। दिए गए डेटा में स्टूडेंट का नाम, जन्म तिथि, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, सब्जेक्ट्स, ईमेल जैसी डिटेल्स शामिल है।
ओयो के पास भी
नीट और जेईई के एग्जाम से दो-तीन दिन पहले ओयो रूम्स की तरफ से स्टूडेंट्स के पास मेसेज भेजा गया। जिसमें लिखा था कि ओयो की तरफ से स्टूडेंट्स को 40 प्रतिशत के डिस्काउंट के साथ सेफ्टी और हाईजिनिक रूम्स दिए जा रहे है। बड़ा सवाल यह है कि ओयो को कैसे पता की कौन से स्टूडेंट्स यह एग्जाम दे रहे है।
विवेक ने ट्विटर पर ओयो को टैग करते हुए पूछा कि ओयो के पास स्टूडेंट्स का डेटा कैसे आया। लेकिन किसी ने रिप्लाई नहीं किया। जब भास्कर ने भी ओयो से इस बारे में ईमेल के जरिए जानकारी मांगी तो कोई जवाब नहीं मिला।
डाटा बाजार में कैसे आया?
कोचिंग सेंटर्स और विदेशों से डिग्री दिलाने वाले एजेंट्स इस डाटा का दुरुपयोग स्टूडेंट्स को टेली कॉलिंग में करते हैं। डिटेल्स हैकर्स के हाथों में पहुंचना खतरनाक है, यह स्टूडेंट्स की निजता से खिलवाड़ है।