सरकार ने दी क्वारेंटाइन लीव, अधिकारी कर रहे आनाकानी

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अपने ही डिपार्टमेंट के अधिकारियों से लीव पास कराने में आ रहा पसीना

कोटा। सरकार के निर्णयों को अधिकारी किस तरह से पलीता लगाते हैं, इसकी बानगी कोरोना काल में भी नजर आ रही है। मामला सरकारी कर्मचारियों को क्वारन्टीन लीव देने से जुड़ा है। दरअसल प्रदेश की सरकार ने राज्य कर्मचारियों को राहत देते हुए राजस्थान सेवा नियम 2012 में संशोधन करते हुए कोविड-19 कोरोना महामारी को भी क्वारन्टीन लीव की श्रेणी में रखा है। जिसके अधिकारिक आदेश भी वित विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं। लेकिन सरकारी अधिकारियों की मनमानी ऐसी है कि सरकार के आदेश को भी मानने को तैयार नहीं हैं।

कोटा में वन विभाग, संभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला कलेक्ट्रेट और शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में कर्मचारी कोविड पाॅजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से मेडिकल काॅलेज में भर्ती या फिर होम आइसोलेशन किया गया। कर्मचारियों के घर के बाहर बैरिकेटिंग की गई और क्षैत्र में कफ्र्यू भी लगाया गया। चिकित्सा विभाग की मंशा थी कि इन कर्मचारियांे को अलग रखकर कोविड़ के फैलाव को रोका जाए। इनमें से कुछ कर्मचारी 14 दिन में ड्यूटी पर आ गए। जबकि कुछ कर्मचारियों को चिकित्सा विभाग ने 14 दिन बाद भी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए फिट नहीं माना।

अब इन कर्मचारियों पर कोविड़ की दोहरी मार पड़ रही है। प्रदेश के इन कार्मिकों ने कोरोना से तो जंग जीत ली, लेकिन अब अपने ही विभागीय अधिकारियों से मेडिकल अथॉरिटी की सिफारिश के बावजूद क्वारन्टीन लीव पास कराने के लिए एक ओर जंग लड़नी पड़ रही है। कुछ विभागों ने केवल 14 दिन की क्वारन्टीन लीव स्वीकृत की, लेकिन इसके बाद भी आइसोलेट रखे गए कर्मचारियों को मेडिकल सर्टिफिकेट होने के बाद भी अतिरिक्त क्वारन्टीन लीव स्वीकृत कराने के लिए मिन्नतें करनी पड़ रही है। वहीं कुछ विभाग तो 14 दिन की लीव भी स्वीकृत करने को तैयार नहीं, उन्हें उपार्जित अवकाश में समायोजित कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। अब इन कर्मचारियों के सामने अगस्त के वेतन की चिन्ता खड़ी हो गई है।

वन विभाग में आए थे 16 पाॅजिटिव
वन विभाग में कुल 21 कर्मचारियों में से 16 कार्मिक पाॅजिटिव आए थे। जिनमें से 4 कर्मचारियों को मेडिकल डिपार्टमेंट की ओर से 14 दिन से अधिक क्वारन्टीन किया गया। एक कर्मचारी को तो 18 दिन तक घर के बाहर बैरिकेटिंग की गई थी। अब इन कार्मिकों को क्वारन्टीन लीव लेने के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। संभाग भर में शिक्षा विभाग के कर्मचारी और अध्यापक कोविड पाॅजिटिव आने के बाद आइसोलेट किए गए थे। अभी हाल ही में संभागीय आयुक्त कार्यालय और कलैक्ट्रेट में भी बहुत बड़ी संख्या में कार्मिक पाॅजिटिव मिले हैं।

क्या है सरकारी आदेश
राजस्थान सरकार ने राज्य के करीब 8.30 लाख कर्मचरियों को राहत देते हुए कोविड-19 की स्थिति में क्वारेंटीन टाइम का अवकाश प्रदान किया है। इसके लिए राजस्थान वित्त विभाग के सचिव हेमंत गेरा की ओर से अधिकारिक आदेश भी जारी किया गया है। सरकार ने इसके लिए सेवा नियम 1951 में संशोधन किया है। जिसमें हैजा, चेचक, प्लेग, डिप्थीरिया, टायफस बुखार, स्वाइन फ्लू और सेरेब्रोस्पिनल मेनिनजाइटिस के साथ कोरोना को भी जोड़ दिया है। इन संक्रामक बीमारियों की स्थिति में कार्मिकों को मेडिकल अथॉरिटी की सिफारिश पर क्वारेंटीन टाइम की लीव स्वीकृत करने के आदेश दिए गए हैं। जिसके तहत मेडिकल अथॉरिटी 21 दिन और विशेष परिस्थितियों में 30 दिन के अवकाश की सिफारिश कर सकती है। जबकि स्वाईन फ्लू के लिए केवल 7 दिन का क्वारेंटाइन अवकाश देय है।