नई दिल्ली। आज से देशभर में कार और टू-व्हीलर की इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलाव हो गया है, जिसकी वजह से वाहनों को खरीदना पहले के मुकाबले सस्ता हो गया है। दरअसल IRDAI (इरडा-भारतीय बीमा विकास और नियामक प्राधिकरण) ने आज से मोटर थर्ड पार्टी और ओन डैमेज इंश्योरेंस में बदलाव कर दिया है।
इरडा के निर्देशों के मुताबिक, अब कार की खरीद पर ग्राहकों को 3 साल और दो-पहिया वाहनों की खरीद पर 5 साल का थर्ड पार्टी कवर लेना अनिवार्य नहीं होगा। वाहनों पर से पैकेज कवर को इरडा ने अब वापस ले लिया है। यानी, आज से यह नया नियम पूरे देशभर में लागू हो गया है।
इरडा ने जून में वाहनों पर ओन-डैमेज और लॉन्ग टर्म पैकेज थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी को वापस लिया था। इरडा का कहना था कि इसकी वजहों से कीमतें महंगी हो रही थीं, जिसके कारण ग्राहकों को वाहन खरीदने में परेशानी आ रही थी। इंश्योरेंस पॉलिसी में किए गए बदलाव के बाद आज से वाहनों को खरीदना सस्ता हो जाएगा।
कानून के मुताबिक गाड़ी और चालक की गलती से दुर्घटना होती है और उसमें सड़क पर जा रहा तीसरा व्यक्ति घायल होता है, तो पीड़ित व्यक्ति के जान-माल की हानि की भरपाई वाहन मालिक और चालक को करना होता है। इन मामलों में बीमा कंपनियां आर्थिक मुआवजे की भरपाई के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करती हैं। यानी अगर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है तो मुआवजे का आर्थिक भुगतान बीमा कंपनी करती हैं।
क्या है ओन डैमेज कवर?
कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी या ओन डैमेज में हादसे के दौरान थर्ड पार्टी (पीड़ित व्यक्ति) के कवर के साथ इंश्योरेंस वाले वाहन को भी कवर मिलता है। आसान भाषा में समझें तो ओन डैमेज कवर में हादसे के दौरान पीड़ित व्यक्ति के मुआवजे का खर्च और आपकी गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई होती है।
कब लागू हुआ था नियम?
कार की खरीद पर 3 साल की मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को इरडा ने अगस्त 2018 से अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद दो-पहिया वाहनों पर 5 साल की मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को भी सितंबर में अनिवार्य कर दिया गया फिर जून 2020 में लॉन्ग टर्म पैकेज का रिव्यू किया गया। अब नियमों में वापस बदलाव किया गया है।