वॉशिंगटन। कोरोना वायरस नाक, गले और फेफड़ों को इन्फेक्ट करता है, यह बात तो अब तक जाहिर है। हालांकि, एक नए रिसर्च में सामने आया है कि वायरस कान को भी इन्फेक्ट कर सकता है और कान के पीछे की हड्डी को भी। तीन मरीजों पर की गई स्टडी में दो में इन जगहों पर काफी ज्यादा इन्फेक्शन पाया गया है। जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन की टीम का कहना है कि इस स्टडी के बाद कोरोना के लक्षण वाले लोगों में कान भी चेक किए जाएं।
मेडिकल जर्नल JAMA Otolaryngology में छपी स्टडी में ऐसे तीन मरीजों का जिक्र किया गया है जिनकी कोरोना वायरस इन्फेक्शन से मौत हो गई थी। इनमें से दो 60 साल के और एक 80 साल के थे। दो मरीजों के कान या कान के पीछे mastoid में इन्फेक्शन पाया गया है। टीम का कहना है कि अब इसे लेकर सतर्कता बरते जाने की जरूरत है।
पहले की स्टडी में भी कान पर असर
इससे पहले अप्रैल में भी एक स्टडी में दावा किया गया था कि कोरोना की वजह से कान के पर्दे के पीछे इन्फेक्शन होता है। एक और स्टडी में पाया गया था कि जिन लोगों में वायरस के लक्षण नहीं थे, इन्फेक्शन खत्म होने के बाद उनकी सुननी की शक्ति पर असर पड़ा था। बता दें कि कोरोना वायरस इन्फेक्शन से दुनियाभर में अब तक 1 करोड़ 56 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हो चुके हैं जबकि 6 लाख 36 हजार 475 लोगों की मौत हो चुकी है और 95 लाख 35 हजार 616 लोग ठीक भी हो चुके हैं।
वैक्सीन की रेस तेज
एक ओर जहां यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में इन्फेक्शन की दूसरी वेव से बचाव की कोशिश की जा रही है, वहीं एशिया और अफ्रीका में पहली वेव अपने चरम पर पहुंचती दिख रही है। ऐसे में कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों की जरूरत भी बढ़ गई है। वैक्सीन की रेस में फिलहाल ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका की Moderna Inc और चीन की CanSino की वैक्सीनें इंसानों पर ट्रायल के शुरुआती चरण पार कर चुकी हैं।