कोटा। चम्बल नदी पर हैंगिंग ब्रिज की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इसमें यातायात के दबाव का भार भी देखा जा रहा है। यह लगभग 15 केबलों के ऊपर एक्सीलरोमीटर तथा पुल के अंदर अन्य आधुनिक उपकरण लगाकर उनसे डाटा लिया जा रहा है। जिसके एनालिसिस से उसकी जानकारी ली जा रही 100 मीटर से अधिक ऊंचे दोनों खंबों के हिलने-डुलने के डाटा का विश्लेषण इस पुल के स्वास्थ्य परीक्षण का हिस्सा है।
यह बात राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को आयोजित वेबीनार में मैग्बा कंपनी के एनड्रे ने स्विट्जरलैंड से सीधे जुड़ कर दी। इस पुल की अप्रेल 2020 तक के डाटा एनालिसिस चित्रों के माध्यम से एंड्रीयू ने अनुभव साझा किया। किसी कम्पनी के अधिकारी ने पहली बार ब्रिज की मॉनिटरिंग पहली बार साझा की। उन्होंने बताया कि अभी तक पुल में कहीं भी स्ट्रेस उसकी निर्धारित सीमा की बहुत अंदर रहा है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि यदि कभी खतरे की कोई बात होगी तो तुरंत कंपनी के नंबरों पर एसएमएस तथा ई-मेल से चेतावनी पहुंच जाएगी। जिससे उसे तुरंत कंट्रोल कर लिया जाएगा। अभी तक ऐसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई है, लेकिन उनके मुख्यालय कलकता व स्विट्जरलैंड कंपनी के विशेषज्ञ कोटा में पुल पर आकर निरीक्षण करते हैं।
यह तीन दिवसीय वेबीनार आरटीयू ने जादवपुर विवि के साथ मिलकर की। डीन प्रो. अनिल के माथुर ने बताया कि सुबह सत्र में प्रो देवाशीष बंदोपाध्याय, दोपहर में प्रो. सरस्वती, जादवपुर विवि के डीन प्रो. सुदिप्ता ने भी अनुभव साझा किए। इस वेबीनार में 10 विभिन्न राज्यों के शिक्षक व 180 शोध छात्र शामिल हुए।