कोरोना वॉरियर्स को लेकर क्या बोली उदयपुर की डॉ. आरुषि, जानिए

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उदयपुर। मरने के बाद मुआवजा देने से बेहतर है जान बचाने के लिए बेहतर प्रबंधन करना। संक्रमितों का इलाज करने वाले या संक्रमितों के संपर्क में आने वाले डॉक्टर भी अपनी जान गंवा चुके हैं। अगर किसी ने चिकित्सक के पेशे को चुना है, इसलिए कोरोना से उसकी मौत हो गई, लेकिन उसके माता-पिता, पत्नी-बच्चों ने तो यह पेशा नहीं चुना है। अगर डॉक्टर के संपर्क में आने से उसके परिवार के किसी सदस्य की जान चली गई तो कौन, क्या दे देगा? यह कहना है उदयपुर की डॉ. आरुषि जैन का।

डॉ. आरुषि सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड मिठू जैन के जरिए देशभर के फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स (आठ लाख डॉक्टर्स व अन्य हैल्थ वर्कर्स) व उनके परिजनों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं।

डॉ. आरुषि बताती हैं कि केंद्र-प्रदेश सरकारें डॉक्टर्स व अन्य कोरोना वॉरियर्स की मौत पर 50-50 लाख रुपए मुआवजा देने को तैयार हैं। लेकिन मेरा मानना है कोविड हैल्थ वर्कर्स जिंदा हैं, तभी उनका पूरा ख्याल क्यों नहीं रखा जाना चाहिए? मरने की नौबत आने ही क्यों दी जाए? जब कोरोना वॉरियर अपनी जान जोखिम में डालकर संक्रमितों की जिंदगी बचाने में जुटे हैं तो उन्हें होटल व अन्य संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर्स में क्वारेंटाइन करने की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए।

अगर कोरोना वॉरियर ही कोरोना कैरियर बन जाएंगे तो पूरे देश का हैल्थ सिस्टम ठप हो जाएगा। किसी के माता-पिता ने अपने बच्चे को डॉक्टर बनाकर गुनाह नहीं किया है कि वे उनके लिए ही कोरोना कैरियर बन जाएं। डॉ. आरुषि बताती हैं कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन में कोरोना वॉरियर्स के लिए हाई और लॉ रिस्क कैटेगरी तय की गई है। जब यह अंदाजा ही नहीं है कि कोरोना वायरस का नेचर क्या है और वह किसकी बॉडी में कैसा ट्रीट करेगा तो कैटेगरी कैसे बांटी जा सकती हैं?

कोरोना महामारी के बीच डॉ. आरुषि में हैल्थ वर्कर्स और उनके परिजनों की सुरक्षा का जुनून देखा तो मैं भी जी-जान से इस मामले में जुटी हुई हूं। 15 मई की नई गाइडलाइन में कोविड ड्यूटी देने वाले डॉक्टरों के लिए 14 दिन का क्वारेंटाइन खत्म कर दिया गया है। हमारी जान बचाने वाले कई डॉक्टर कोविड की ड्यूटी करने के बाद अपने घर बुजुर्ग-छोटे बच्चों के पास जा रहे हैं। अगर काेविड ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को क्वारेंटाइन नहीं देंगे तो उनके परिवार में भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। इनकी सुरक्षा भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहि