नयी दिल्ली। विदेशी बाजारों में मंदी के रुख के बीच दिल्ली के तेल तिलहन मंडियों में भी कारोबार का रुख काफी सुस्त रहा तथा मूंगफली, सोयाबीन, सीपीओ और पामतेल कीमतों में हानि दर्ज हुई। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में पामतेल का भारी स्टॉक जमा है और लिवाल नहीं हैं जो गिरावट का प्रमुख कारण था। इसके अलावा गुजरात में मूंगफली की ताजा फसल के आने से इसके भाव नरम पड़ गये।
विदेशों में कमजोरी के रुख के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी गिरावट दर्ज हुई। सूत्रों ने कहा कि सरकार को घरेलू स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सोयाबीन डीगम के साथ साथ सीपीओ पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिये। सस्ते आयात के कारण तथा कम आयात शुल्क मूल्य होने से सरकार को राजस्व की हानि होती है, किसानों और उपभोक्ताओं को भी नुकसान पहुंचता है।
इसके अलावा उन्होंने आयात शुल्क मूल्य को बाजार भाव के अनुरूप निर्धारित किये जाने की भी अपेक्षा जताई। बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार की ओर से सरसों की एमएसपी पर खरीद जारी रहने और किसानों द्वारा बाजार में अपनी ऊपज कम लाने से सरसों तेल तिलहन कीमतें अपरिवर्तित बनी रहीं। बृहस्पतिवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 4,600- 4,650 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये। मूंगफली दाना – 4,790 – 4,840 रुपये। वनस्पति घी- 995 – 1,100 रुपये प्रति टिन। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,600 रुपये। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,945 – 1,195 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 9,720 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,575 – 1,720 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 1,645 – 1,765 रुपये प्रति टिन। तिल मिल डिलिवरी तेल- 10,000 – 13,000 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 8,700 रुपये। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,600 रुपये। सोयाबीन तेल डीगम- 7,700 रुपये। सीपीओ एक्स-कांडला- 6,800 रुपये। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,600 रुपये। पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,250 रुपये। पामोलीन कांडला- 7,500 रुपये (बिना जीएसटी के)। सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 4,000- 4,025 लूज में 3,800–3,825 रुपये। मक्का खल (सरिस्का) – 3,500 रुपये प्रति क्विंटल।