मुंबई। कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज में से 18 लाख करोड़ रुपए की घोषणा कर चुकी है। अब बाकी के बचे 2 लाख करोड़ रुपए की घोषणा शनिवार को हो सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार तीन पैकेज जारी किए हैं। जबकि एक पैकेज प्रधानमंत्री की घोषणा के पहले ही जारी कर दिया गया था।
पहले पैकेज में 7.35 लाख करोड़ रुपए जारी हुए
जानकारी के मुताबिक पहला पैकेज 25 मार्च को प्रधानमंत्री ने 1,70,000 करोड़ रुपए का जारी किया था। उसके बाद अगले दिन से भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने कई चरणों में घोषणा की। यानी प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले कुल 7,35,000 करोड़ रुपए के पैकेज जारी किए गए। इसमें 1.70 लाख करोड़ रुपए का प्रधानमंत्री का पैकेज था। जबकि आरबीआई ने बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए 5,65,200 करोड़ रुपए की घोषणा अलग-अलग दिनों में की थी।
दूसरे पैकेज में 5.94 लाख करोड़ रुपए जारी हुए
दूसरा पैकेज वित्तमंत्री ने बुधवार को जारी किया। यह 5,94,250 करोड़ रुपए का पैकेज था। इस पैकेज में एसएमई के लिए लोन, कोलैटरल, डेट और इक्विटी आदि मिलाकर कुल 3,70,000 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इसी तरह ईपीएफ के लिए 9,250 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। एनबीएफसी, एचएफसी, एमएफआई यानी गैर बैंकिंग, हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस के लिए 75,000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी दी गई। डिस्कॉम यानी बिजली कंपनियों के लिए इसी दिन 90,000 करोड़ रुपए की घोषणा की गई। जबकि टीडीएस, टीसीएस के रिडक्शंस पर 5,000 करोड़ रुपए घोषित किए गए।
तीसरे पैकेज में 3.16 लाख करोड़ रुपए जारी हुए
गुरुवार को तीसरे पैकेज में 3,16,000 करोड़ रुपए जारी किए गए। इसमें पीडीएस के लिए 3,500 करोड़ रुपए, मुद्रा योजना के तहत शिशु लोन के लिए 1,500 करोड़ रुपए, स्पेशल क्रेडिट फैसिलिटी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 5,000 करोड़ रुपए, सीएएमपीए के लिए 6,000 करोड़ रुपए, नाबार्ड के लिए 30,000 करोड़ रुपए, क्रेडिट किसान कार्ड के लिए 2 लाख करोड़ रुपए, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के लिए 70,000 करोड़ रुपए जारी किए गए।
चौथे पैकेज में 1.55 लाख करोड़ रुपए जारी हुए
शुक्रवार को चौथे पैकेज के चरण में 1,55,000 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई। इसमें प्रमुख रूप से एग्रीकल्चर इंफ्रा को मजबूत करने पर जोर दिया गया। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई। जबकि पशुपालन के लिए 15,000 करोड़ रुपए, टाप टू टोटल के लिए 500 करोड़ रुपए जैसी अन्य घोषणाएं की गई। इस तरह से देखा जाए तो आत्मनिर्भर भारत के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज से 18 लाख करोड़ रुपए आ चुका है। अब केवल 2 लाख करोड़ रुपए बचा है, जिसकी घोषणा शनिवार को की जा सकती है। यह 20 लाख करोड़ रुपए भारत की जीडीपी का 10 प्रतिशत है।