कोटा। कोटा व्यापार महासंघ ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखकर लॉक डाउन पीरियड में बंद दुकानों, कोचिंग, हॉस्टल, कार्यालयो और उद्योगों पर केवल वास्तविक उपभोग में आने वाली बिजली का ही बिल चार्ज करने का आग्रह किया है। किसी भी तरह के अन्य शुल्क नहीं लिए जाएं।
कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन, महासचिव अशोक माहेश्वरी और उपाध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने बताया कि गत 22 मार्च से प्रदेश में कोरोनावायरस से बचाव के कारण लॉकडाउन के चलते सभी व्यापार व उद्योग बंद है। इतिहास में पहली बार आम जनता के साथ व्यापारियों और उद्योगपतियों को ऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने बताया कि कई मर्तबा मुख्यमंत्री से व्यापार एवं उद्योग जगत के लिए बिजली के बिल माफ करने एवं विशेष राहत पैकेज देने की मांग की है। परंतु सरकार द्वारा केवल बिजली के बिल जमा करने की तारीख में छूट प्रदान की गई है, जो तर्कसंगत नहीं है। इस मामले में कोटा व्यापार महासंघ की ओर से लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्य मंत्री अशोक गहलोत एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को ट्वीट कर भी आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि सभी छोटे बड़े व्यापारियों की दो माह से दुकानें बंद है एवं रहेंगी। ऐसे में व्यापारियो की आजीविका का साधन खत्म हो गया है। विद्युत विभाग द्वारा बंद दुकानों के औसत आधार पर एवं अन्य सभी शुल्क (स्थाई शुल्क, फ्यूल सरचार्ज, विद्युत शुल्क, नगरीय उपकर) जोड़कर राशि के बिल भेजे जा रहे हैं। जो कदापि न्यायोचित नहीं है।