मुकेश भाटिया
कोटा। मौसम का मिज़ाज बिगड़ने से धनिया का उत्पादन अनुमान से कमज़ोर रहने की आशंका और लगातार घट रहे कैरी-ओवर स्टॉक के चलते क़ीमतों में तेज़ी के आसार हैं।देश के दोनों ही प्रमुख धनिया उत्पादक राज्यों गुजरात व राजस्थान में नई फ़सल की कटाई-मड़ाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस बार प्रति हैक्टर उत्पादकता में कमी आने से वर्तमान भाव के धनिया में निकट भविष्य में 10/12 रुपये किलो तेजी की उम्मीद बनने लगी है।
राजस्थान के कोटा, बारां, रामगंज, झालावाड़, भवानीगंज आदि *धनिया उत्पादक क्षेत्रों में बिजाई मे 15 फीसदी की कमी के साथ-साथ उत्पादकता भी कम बैठ रही है। इसके अलावा गुजरात में भी अधिक बिजाई के शोर-शराबा के बावजूद मौसम का मिज़ाज बिगड़ने से नई फसल का उतारा अपेक्षित नही बैठा है।
दूसरी ओर,मध्य प्रदेश में भी ईल्ड कम बैठने की खबर मिल रही है। कुम्भराज, मंदसौर, नीमच, रतलाम आदि उत्पादक क्षेत्रों में सब्जियों की खेती अधिक हुई थी। मटर की बिजाई अधिक होने से धनिये का क्षेत्रफल घट गया था। सरसों की बिजाई भी वहां अधिक हुई थी, क्योकि किसानों को पिछले कई वर्षों से धनिये में किसानों को घाटा उठाना पड़ा है।
इन परिस्थितियों से धनिये का सकल उत्पादन 60/62 लाख बोरी के करीब रह जाने का अनुमान उम्पादक मंडियों से मिल रहा है। जबकि लगातार दो वर्षों से बिजाई में कमी होने से पुराना स्टॉक पिछले कई वर्षों से नई फसल पर सामान्यतः 22/25 लाख बोरी के आसपास शेष रहता रहा है। वह इस बार घटकर मुश्किल से 7-8 लाख बोरी आने का राजस्थान के व्यापारी अनुमान बता रहे हैं। जबकि घरेलू खपत 80/85 लाख बोरी से भी अधिक की बतायी जा रही है।
वायदे में भी डिलीवरी अधिक नही है, जिससे प्रत्येक महीने के भाव लॉकडाउन के अंतराल में काफी बढ़ गये तथा किसी भी मंडी में आवक का दबाव ज्यादा नही बन पाया है। वायदे में धनिया बढ़कर अप्रैल का 6413 रुपए हो गया। बंद बाजार में भी गोदामों से दिल्ली बाजार में धनिया बादामी 7400 रुपए प्रति क्विंटल बोल रहे है। ईगल के भाव भी 7700 रुपए के आसपास चल रहे है। वर्तमान भाव में धनिये का व्यापार बढ़िया लग रहा है, क्योंकि बाजार खुलने के साथ-साथ बिक्री भी चौतरफा होने से स्टॉकिस्ट अभी तक इस बार का माल नही खरीद पाये है। (रिपोर्ट व्यापार दूत)