कोटा। लॉकडाउन के दाैरान दूसरे शहराें में फंसे कई लाेग अपने घर पहुंचने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हैं। इसमें अधिकतर ऐसे लाेग हैं जाे राेजगार छिनने के बाद परेशान हाेकर अपने घर लाैट रहे हैं। हालांकि इस दाैरान कुछ राेचक कहानियां भी सामने आ रही हैं। दिल्ली का एक युवक गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए स्कूटी से काेटा पहुंच गया।
बड़गांव चौकी पर पुलिस और शिक्षकों की टीम ने पूरी पड़ताल कर उससे पूछताछ की ताे उसने खुद काे दिल्ली निवासी बताते हुए अपनी दादी की मौत की बात कही। साथ ही कोटा अपनी बहन को लेने के लिए स्कूटी से आने की बात कही। पुलिस अधिकारियों ने युवक से उसके बहन के मोबाइल नंबर लिए। पहले तो उसने मोबाइल नंबर सही नहीं दिए।
लेकिन, कड़ी पूछताछ के बाद सही नंबर बताए। इस संबंध में बड़गांव पुलिस ने कोचिंग एरिया पुलिस से लड़की की इंक्वायरी कराई। लड़की ने पहली बार कॉल रिसीव किया। लेकिन बाद में स्विच ऑफ कर दिया। कड़ी पूछताछ के बाद उसने बताया कि गर्लफ्रेंड से मिलने आया है। इसके बाद टीम ने उसे वापस लाैटा दिया।
ट्रक पर लिफ्ट लेकर आया कोचिंग फैकल्टी
जम्मू कश्मीर के बांदीपाेरा में कोचिंग फैकल्टी डी बोहरा लॉकडाउन के बाद वहीं फंस गए। फ्लाइट की टिकट बुक कराई थी, लेकिन फ्लाइट कैंसिल हाे गई। 31 मार्च को वे कार से श्रीनगर पहुंचे। यहां राजस्थान आने वाले ट्रकों में रिक्वेस्ट कर बैठ गए। पहचान छिपाने के लिए खलासी का रोल भी अदा करना पड़ा। 3 अप्रैल को जम्मू पार कर लिया। वे 5 अप्रैल को राजस्थान पहुंचे। ट्रक चालक ने केकड़ी में छाेड़ दिया।
वहां से कोटा के लिए कोई साधन नहीं मिला ताे एक कंबाइन मशीन पर लिफ्ट लेकर तालेड़ा पहुंचे। वहां से पैदल बड़गांव पहुंचे। यहां पुलिस को सूचना दी। इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग करवाकर पुलिस ने घर पहुंचाया। अभी 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन में हैं। बाेहरा ने बताया कि खांसी-बुखार, जुकाम और अन्य किसी भी तरह की शिकायत नहीं है। उन्होंने बताया कि कश्मीर से कोटा आने में उनका एक रुपया किराया नहीं लगा।