जयपुर। ‘मैं सोना 2.5 आपकी सुरक्षा की कामना करती हूं। मुझे कोरोना नहीं है। आप भी अपना ध्यान रखें। मुझे आपकी सेवा करने का मौका मिला धन्यवाद।’ यह मैसेज सुबह से लेकर रात तक सवाई मानसिंह अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में गूंजता रहता है। कभी वार्ड में तो कभी कोरिडोर में सोना घूमती रहती है। जी हां यह है रोबोट सोना 2.5। जिसने आइसोलेशन में भर्ती मरीजों की जिम्मेदारी संभाल ली है।
सुबह से लेकर शाम तक यह वार्ड में भर्ती मरीजों को दवाइयां और भोजन दे रही है। अस्पताल में आए इस नए कर्मचारी से नर्सिंग कर्मचारी भी खुश हैं। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि सोना 2.5 रोजाना मरीजों को समय-समय पर दवा देती है। सारा काम इसने संभाल रखा है।
रोबोट विशेषज्ञ भुवनेश मिश्रा ने बताया कि सोना को स्टैंड बाय मोड पर रखा जाता है, ताकि बैट्री ज्यादा चल सके। स्टैंड बाय लोकेशन पर खड़ी रहती है। वार्ड में सिर्फ सर्विस देकर वापस उसी जगह पर आकर खड़ी हो जाती है। यदि कोई पास से गुजरता है तो मैसेज देती है कि मास्क पहने, हाथ धोएं। छूने से बचें।
भुवनेश ने बताया कि सोना को जिस जगह भेजना होता है स्टाफ उसकी लोकेशन डाल देता है। वह लोकेशन के आधार पर पहुंच जाती है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मेपिंग और थ्रीडी डेप्थ कैमरा होता है। यह एनवायर्नमेंट में हर चीज को पहचान लेती हैं। कोई भी इसके रास्ते में आता है, तो इंसानों की तरह रास्ता बदल लेती है।
साथ ही किसी भी लोकेशन पर जाने के लिए इंसानों की तरह छोटा रास्ता अपनाती है। यह पूरी ऑटोमेटिक है। इसे रिमोर्ट से कंट्रोल करने की जरूरत नहीं है। अब नर्सिंग स्टाफ को बार-बार किट बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को दवा और भोजन देने के बाद रोबोट सोना को भी सेनेटाइज किया जाता है। ताकि किसी में उससे संक्रमण होने का खतरा ना रहे।